कभी तो मेरे घर आना, मोरी शारदा भवानी (Kabhi To Mere Ghar Aana Mori Sharda Bhawani)

कभी तो मेरे घर आना,

मोरी शारदा भवानी,

शारदा भवानी, शारदा भवानी,

कभी तो मेरें घर आना,

मोरी शारदा भवानी ॥


मैया के पाँवन में पैंजन बंधाऊँगी,

मैया के पाँवन में पैंजन बंधाऊँगी,

पैंजन बंधाऊँगी, घुंगरू बंधाऊँगी,

छम छम नाच दिखाना,

मोरी शारदा भवानी,

कभी तो मेरें घर आना,

मोरी शारदा भवानी ॥


मैया के माथे पे बिंदिया सजाऊंगी,

मैया के माथे पे बिंदिया सजाऊंगी,

हिरा जड़े चमकाना,

मोरी शारदा भवानी,

कभी तो मेरें घर आना,

मोरी शारदा भवानी ॥


मैया के द्वारे ‘शिवरंजनी’ है आई,

मैया के द्वारे ‘शिवरंजनी’ है आई,

‘शिवरंजनी’ आई, जगराता गाई,

भक्तो संग ठुमका लगाना,

मोरी शारदा भवानी,

कभी तो मेरें घर आना,

मोरी शारदा भवानी ॥


कभी तो मेरे घर आना,

मोरी शारदा भवानी,

शारदा भवानी, शारदा भवानी,

कभी तो मेरें घर आना,

मोरी शारदा भवानी ॥

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लगन लागी तोसे मोरी मैय्या (Lagan Lagi Tose Mori Maiya)

लगन लागी तोसे मोरी मैय्या,
मिलन की लगन तोसे लागी मां।

शनिवार पूजा विधि

सनातन धर्म में सप्ताह के हर एक दिन का अपना एक अलग महत्व होता है। इन्हीं में से एक शनिवार का दिन है, जो न्याय के देवता शनि देव को समर्पित है। इस दिन शनि देव की पूजा की जाती है और व्रत रखा जाता है।

श्री शनिवार व्रत कथा

एक समय समस्त प्राणियों का हित चाहने वाले मुनियों ने नैमिषारण्य बन में एक सभा की उस समय व्यास जी के शिष्य सूत जी शिष्यों के साथ श्रीहरि का स्मरण करते हुए वहाँ पर आये।

शिव पञ्चाक्षर स्तोत्रम् (Shiv Panchakshar Stotram)

नागेन्द्रहाराय त्रिलोचनायभस्माङ्गरागाय महेश्वराय।
नित्याय शुद्धाय दिगम्बरायतस्मै न काराय नमः शिवाय॥1॥

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