कभी तो मेरे घर आना, मोरी शारदा भवानी (Kabhi To Mere Ghar Aana Mori Sharda Bhawani)

कभी तो मेरे घर आना,

मोरी शारदा भवानी,

शारदा भवानी, शारदा भवानी,

कभी तो मेरें घर आना,

मोरी शारदा भवानी ॥


मैया के पाँवन में पैंजन बंधाऊँगी,

मैया के पाँवन में पैंजन बंधाऊँगी,

पैंजन बंधाऊँगी, घुंगरू बंधाऊँगी,

छम छम नाच दिखाना,

मोरी शारदा भवानी,

कभी तो मेरें घर आना,

मोरी शारदा भवानी ॥


मैया के माथे पे बिंदिया सजाऊंगी,

मैया के माथे पे बिंदिया सजाऊंगी,

हिरा जड़े चमकाना,

मोरी शारदा भवानी,

कभी तो मेरें घर आना,

मोरी शारदा भवानी ॥


मैया के द्वारे ‘शिवरंजनी’ है आई,

मैया के द्वारे ‘शिवरंजनी’ है आई,

‘शिवरंजनी’ आई, जगराता गाई,

भक्तो संग ठुमका लगाना,

मोरी शारदा भवानी,

कभी तो मेरें घर आना,

मोरी शारदा भवानी ॥


कभी तो मेरे घर आना,

मोरी शारदा भवानी,

शारदा भवानी, शारदा भवानी,

कभी तो मेरें घर आना,

मोरी शारदा भवानी ॥

........................................................................................................
यह तो प्रेम की बात है उधो (Ye Too Prem Ki Baat Hai Udho)

यह तो प्रेम की बात है उधो,
बंदगी तेरे बस की नहीं है।

माँ ऊँचे पर्वत वाली, करती शेरो की सवारी(Maa Unche Parwat Wali Karti Shero Ki Sawari)

माँ ऊँचे पर्वत वाली,
करती शेरो की सवारी,

रुक्मिणी अष्टमी के दिन करें ये उपाय

पौष मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को रुक्मिणी अष्टमी के पर्व के रूप में मनाया जाता है। जो इस साल 22 दिसंबर को मनाया जा रहा है। यह पर्व भगवान श्रीकृष्ण की पहली पत्नी देवी रुक्मिणी के जन्म की याद में मनाया जाता है।

छठ पूजा: आदितमल के पक्की रे सड़कीया - छठ गीत (Aaditamal Ke Pakki Re Sadkiya)

आदितमल के पक्की रे सड़कीया,
कुजडा छानेला दोकान,

डिसक्लेमर

'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।

यह भी जाने