कदम कदम पर रक्षा करता,
घर घर करे उजाला उजाला,
खाटू वाला खाटू वाला,
ओ लीले घोड़े वाला,
खाटू वाला खाटू वाला,
ओ लीले घोड़े वाला ॥
मन मंदिर के वास करो तुम,
दूर करो अंधियारा,
पापों का मेरे नाश करो तुम,
बन कर के रखवारा रखवारा,
खाटू वाला खाटू वाला,
ओ लीले घोड़े वाला ॥
जब जब भीड़ पड़ी भक्तो पर,
उनकी विपदा टाली,
सच्चे मन से जो भी पुकारे,
प्रगटे दीनदयाला दयाला,
खाटू वाला खाटू वाला,
ओ लीले घोड़े वाला ॥
नेम नियम से जो कोई ध्यावे,
मन की मुरादे पावे,
बिछड़े साथी फिर से मिलाकर,
घर घर प्रेम बढाया बढाया,
खाटू वाला खाटू वाला,
ओ लीले घोड़े वाला ॥
भीम सेन के पौत्र लाड़ले,
एहलवती के लाला,
पांडव कुल अवतार श्याम जी,
जपूँ तिहारी माला हो माला,
खाटू वाला खाटू वाला,
ओ लीले घोड़े वाला ॥
कदम कदम पर रक्षा करता,
घर घर करे उजाला उजाला,
खाटू वाला खाटू वाला,
ओ लीले घोड़े वाला,
खाटू वाला खाटू वाला,
ओ लीले घोड़े वाला ॥
धर्म का पालन करने वाले सनातनियों के घर में पूजा घर अवश्य होता है। पूजा घर में हमारे सभी देवी-देवताओं की तस्वीरें और मूर्तियां होती हैं, जिनकी हम पूजा-अर्चना करते हैं।
मरने के बाद क्या होता है, आत्मा कैसे शरीर छोड़ती है और कैसे दूसरा शरीर धारण करती है। ये कुछ ऐसे सवाल हैं जिनका जवाब हर कोई जानना चाहता है।
शरद पूर्णिमा के समापन के बाद कार्तिक मास की शुरुआत हो जाती है। हिंदू धर्म में कार्तिक मास को विशेष महत्व प्राप्त है। इस महीने जगत के पालनहार भगवान विष्णु की विधिपूर्वक पूजा-अर्चना करने का विधान है।
सनातन धर्म में श्री ब्रह्मा, श्री विष्णु और श्री महेश तीनों को सभी देवी देवताओं में श्रेष्ठ माना गया है। इनसे जुड़ी कई पौराणिक कथाएं प्रचलित हैं।