कहियो दर्शन दीन्हे हो, भीलनियों के राम (Kahiyo Darshan Dinhe Ho Bhilaniyo Ke Ram)

पंथ निहारत, डगर बहारथ,

होता सुबह से शाम,

कहियो दर्शन दीन्हे हो,

भीलनियों के राम ।


पंथ निहारत, डगर बहारथ,

होता सुबह से शाम,

कहियो दर्शन दीन्हे हो,

भीलनियों के राम ।

कहियो दर्शन दीन्हे हो,

भीलनियों के राम ।


गुरुवर मतंग जी,

रन ले राम रंग में,

बालिका से प्रीत भई ली,

ओहि रे तरंग में,

नाम रूप अरु लीला धाम के,

नाम रूप अरु लीला धाम के,

सुमिरन आठों याम,

कहियो दर्शन दीन्हे हो,

भीलनियों के राम ।


अधम से अधम,

अधम अति नारी,

उत चक्र व्रती के,

कुमार धनुर्धारी,

चीखी चीखी बैर के राखव,

आईहेही भोग के काम,

कहियो दर्शन दीन्हे हो,

भीलनियों के राम ।


माड़ो से भागल,

अनुरागी संजागल,

शबरी शिकारी भइनी,

भक्ति में पाग़ल,

उहे डगर तू धरहो राजन,

पइबा परम विश्राम,

कहियो दर्शन दीन्हे हो,

भीलनियों के राम ।

........................................................................................................
नगरी हो अयोध्या सी, रघुकुल सा घराना हो (Nagri Ho Ayodhya Si, Raghukul Sa Gharana Ho)

नगरी हो अयोध्या सी,
रघुकुल सा घराना हो ।

सांवरिया तेरे दीदार ने, दीवाना कर दिया(Sawariya Tere Deedar Ne Deewana Kar Diya)

सांवरिया तेरे दीदार ने,
दीवाना कर दिया,

गजेंद्र मोक्ष स्तोत्र (Gajendr Moksh Stotr )

एवं व्यवसितो बुद्ध्या समाधाय मनो हृदि।

जिसने राग-द्वेष कामादिक(Meri Bawana - Jisne Raag Dwesh Jain Path)

जिसने राग-द्वेष कामादिक,
जीते सब जग जान लिया

डिसक्लेमर

'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।

यह भी जाने