कैलाश के निवासी नमो बार बार हूँ (Kailash Ke Nivasi Namo Bar Bar Hoon)

कैलाश के निवासी नमो बार बार हूँ,

आये शरण तिहारी प्रभु तार तार तू,

भगतो को कभी शिव ने निराश न किया,

माँगा जिसे चाहा वही वरदान दे दियां,

बड़ा है तेरा दायरा बड़ा दातार तू,

आये शरण तिहारी प्रभु तार तार तू,


बखान क्या करू मैं रखो की ढेर का,

चुटकी कबूत में है खजाना कुबेर का,

हे गंगा धार मुक्ति धार ओम कार तू,

आये शरण तिहारी प्रभु तार तार तू,


क्या क्या नहीं दिया है ये हम प्रमाण है,

तेरी किरपा के आसरे सारा जहां है,

ज़हर पिया जीवन दिया कितना उधार तू ,

आये शरण तिहारी प्रभु तार तार तू,


तेरी किरपा बिना न हिले इक भी अड़हु,

लेते है सांस तेरी दया से तनु तनु,

करदे ठाठ इक वार मुझको निहार तू,

आये शरण तिहारी प्रभु तार तार तू,


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माँ अंजनी के लाला मेरा, एक काम कर दे(Maa Anjani Ke Lala Mera Ek Kaam Kar De)

माँ अंजनी के लाला मेरा,
एक काम कर दे,

उत्पन्ना एकादशी के जाप मंत्र

उत्पन्ना एकादशी हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण तिथि है, जो भगवान विष्णु और एकादशी माता की पूजा के लिए समर्पित है।

कुलदेवी की पूजा, जो करता है दिन रात (Kuldevi Ki Puja Jo Karta Hai Din Raat)

कुलदेवी की पूजा,
जो करता है दिन रात,

धनतेरस व्रत कथा: माता लक्ष्मी और किसान की कहानी (Mata Laxmi aur kisan ki kahani: Dhanteras ki vrat Katha)

एक बार भगवान विष्णु और लक्ष्मी माता पृथ्वी लोक पर घूम रहे थे। विष्णु जी किसी काम से दक्षिण दिशा की ओर चले गए और लक्ष्मी माता को वहीं पर रूकने के लिए कहा।

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