कैसे दर आऊं,
मैं तेरे दरश पाने को,
हे शिव शंकर दर्शन दे दो,
अपने दीवाने को,
हे शिव शंकर दर्शन दे दो,
अपने दीवाने को ॥
जिसको भी चाहो तुम,
दर पे बुलाते बाबा,
मुझ अभागे को क्यों तुम,
हो सताते बाबा,
मुझे दर पे बुला लो,
गले अपने लगा लो,
मेरी सच्ची है भक्ति,
जो चाहे आजमा लो,
छोड़ के आऊंगा मैं,
छोड़ के आऊंगा मैं,
सारे इस ज़माने को,
हे शिव शंकर दर्शन दे दो,
अपने दीवाने को ॥
मेरे कर्मो की सजा है जो,
दरश पा ना सका,
तेरे दरबार मेरे बाबा,
मैं जो आ ना सका,
मेरे पापों को हे शिव,
ना दिल से यूँ लगाओ,
मुझे भी दे दो माफ़ी,
दरश अपने कराओ,
मन में है मूरत तेरी,
मन में है मूरत तेरी,
आऊंगा सजाने को,
हे शिव शंकर दर्शन दे दो,
अपने दीवाने को ॥
दर तेरे बाबा मैं,
क्या ले करके आऊंगा,
तू तो दानी है तुझको,
क्या मैं चढ़ाऊंगा,
पास श्रद्धा है मेरे,
जो लेके दर पे आऊं,
अपनी भक्ति के बाबा,
फुल तुझको चढाऊं,
रूठे है बाबा,
रूठे है बाबा,
आऊंगा मैं मनाने को,
हे शिव शंकर दर्शन दे दो,
अपने दीवाने को ॥
कैसे दर आऊं,
मैं तेरे दरश पाने को,
हे शिव शंकर दर्शन दे दो,
अपने दीवाने को,
हे शिव शंकर दर्शन दे दो,
अपने दीवाने को ॥
सनातन धर्म में शुक्रवार का दिन मां लक्ष्मी और भगवान शुक्र देव को समर्पित होता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन अगर श्रद्धा और विधिपूर्वक कुछ विशेष मंत्रों का जाप किया जाए तो धन, सुख और सौंदर्य से जुड़ी समस्याएं दूर हो सकती हैं।
शनिवार का दिन हिंदू धर्म में विशेष रूप से शनि देव की उपासना के लिए जाना जाता है। यह दिन कर्मफलदाता शनि देव को समर्पित होता है, जो हमारे अच्छे-बुरे कर्मों का फल देते हैं।
हर सप्ताह का एक खास दिन होता है और रविवार सूर्य देव को समर्पित माना गया है। यह दिन शक्ति, ऊर्जा और आत्मविश्वास से जुड़ा होता है। मान्यता है कि रविवार के दिन विशेष मंत्रों का जाप करने से व्यक्ति को मान-सम्मान, यश और स्वास्थ्य लाभ प्राप्त होता है।
भगवान भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए सोमवार का दिन बेहद शुभ माना जाता है। क्योंकि हिंदू धर्म में सोमवार का दिन देवों के देव महादेव को समर्पित है।