कलयुग में शिवयुग आया है,
महादेव ये तेरा रचाया है,
हर भगत ने तुझको पाया है,
महादेव ये तेरा रचाया है ॥
शिव मंदिर में तेरे भगत खड़े,
तेरे नाम की अलख जगाए खड़े,
मूलमंत्र उन्हें अब भाया है,
महादेव ये तेरा रचाया है,
कलयुग में शिवयुग आया हैं,
महादेव ये तेरा रचाया है ॥
पंडालों में भारी भीड़ पड़ी,
शिव कृपा की ऐसी होड़ लगी,
कण कण में शंकर समाया है,
महादेव ये तेरा रचाया है,
कलयुग में शिवयुग आया हैं,
महादेव ये तेरा रचाया है ॥
कलयुग में शिवयुग आया है,
महादेव ये तेरा रचाया है,
हर भगत ने तुझको पाया है,
महादेव ये तेरा रचाया है ॥
हिंदू धर्म में विनायक चतुर्थी सबसे महत्वपूर्ण दिन माना गया है। यह तिथि भगवान गणेश को समर्पित होती है। इस दिन भक्त श्रद्धा पूर्वक पूजा करते हैं और व्रत रखते हैं।
सनातन धर्म में विनायक चतुर्थी का काफी महत्व है। चतुर्थी का पर्व शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष में मनाया जाता है। इस बार विनायक चतुर्थी 1 फरवरी 2025 को है। यह दिन भगवान गणेश जी को समर्पित है।
माघ मास के शुक्ल पक्ष की सप्तमी को रखा जाने वाला रथ सप्तमी व्रत इस साल 4 फरवरी को है। यह व्रत प्रमुख रूप से सूर्य देव को समर्पित है। रथ सप्तमी को अचला सप्तमी के नाम से भी जाना जाता है।
रथ-सप्तमी का पर्व हर साल माघ महीने के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को मनाया जाता है। इस साल रथ-सप्तमी का पर्व 4 फरवरी 2025 को मनाया जाएगा। यह दिन भगवान सूर्य देव को समर्पित है।