कान्हा मेरी राखी का, तुझे कर्ज चुकाना है (Kanha Meri Rakhi Ka Tujhe Karj Chukana Hai)

कान्हा मेरी राखी का,

तुझे कर्ज चुकाना है,

जन्मों जनम तक ये,

जन्मों जनम तक ये,

अब रिश्ता निभाना है,

कान्हां मेरी राखी का,

तुझे कर्ज चुकाना है ॥


बैठा बैठा क्या सोचे,

पकड़ ले कलैया रे,

झूठे जग के झमेले में,

खो न जाऊं मैं भैया रे,

बनके खिवैया तुझे,

बनके खिवैया तुझे,

परली पार ले जाना है,

जन्मों जनम तक ये,

अब रिश्ता निभाना है,

कान्हां मेरी राखी का,

तुझे कर्ज चुकाना है ॥


रेशम की डोरी का,

मान तुझे रखना है,

मैं ना कहूं कुछ भी,

तुझको समझना है,

भूल से भी भूल मुझसे,

भूल से भी भूल मुझसे,

तुझको ना कराना है,

जन्मों जनम तक ये,

अब रिश्ता निभाना है,

कान्हां मेरी राखी का,

तुझे कर्ज चुकाना है ॥


जिस राह पे ‘अर्चू’ चले,

वो राह अनजानी है,

थामकर उंगली मेरी,

तुझे राह दिखानी है,

बनके उजाला तुझे,

बनके उजाला तुझे,

ये अँधेरा मिटाना है,

जन्मों जनम तक ये,

अब रिश्ता निभाना है,

कान्हां मेरी राखी का,

तुझे कर्ज चुकाना है ॥


कान्हा मेरी राखी का,

तुझे कर्ज चुकाना है,

जन्मों जनम तक ये,

जन्मों जनम तक ये,

अब रिश्ता निभाना है,

कान्हां मेरी राखी का,

तुझे कर्ज चुकाना है ॥

........................................................................................................
तेरे द्वार पे आने वालो ने, क्या अजब नज़ारा देखा है (Tere Dawar Pe Aane Walon Ne Kya Ajab Nazara Dekha Hai)

तेरे द्वार पे आने वालो ने,
क्या अजब नज़ारा देखा है,

बिल्व निमंत्रण 2024: दुर्गा पूजा के पहले देवी मां को आमंत्रित करने के लिए किया जाता है ये अनुष्ठान

शारदीय नवरात्रि की शुरुआत होने जा रही है। नौ दिन के इस महापर्व में मां दुर्गा के 9 अलग-अलग स्वरूपों की पूजा की जाती है।

करती हूँ तुम्हारा व्रत मैं - माँ संतोषी (Karti Hu Tumhara Vrat Main)

करती हूँ तुम्हारा व्रत मैं,
स्वीकार करो माँ,

कालाष्टमी पूजा का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व (Kalashtami Puja Ka Shubh Muhurt, Puja Vidhi Aur Mahatv)

आश्विन माह में इस दिन मनाई जा रही कालाष्टमी, जानें पूजा का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और इस दिन का महत्व

डिसक्लेमर

'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।

यह भी जाने