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कन्हैया ले चल परली पार - भजन (Kanhaiya Le Chal Parli Paar)

कन्हैया ले चल परली पार - भजन (Kanhaiya Le Chal Parli Paar)

कन्हैया ले चल परली पार,

साँवरिया ले चल परली पार,

जहां विराजे मेरी राधा रानी,

अलबेली सरकार ॥


गुण अवगुण सब तेरे अर्पण,

पाप पुण्य सब तेरे अर्पण,

बुद्धि सहित मन तेरे अर्पण,

यह जीवन भी तेरे अर्पण,

मैं तेरे चरणो की दासी

मेरे प्राण आधार।।

साँवरिया ले चल परली पार ॥


तेरी आस लगा बैठी हूँ,

लज्जा शील गवां बैठी हूँ,

मैं अपना आप लूटा बैठी हूँ,

आँखें खूब थका बैठी हूँ,

साँवरिया मैं तेरी रागिनी,

तू मेरा मल्हार।।

कन्हैया ले चल परली पार ॥


जग की कुछ परवाह नहीं है,

सूझती अब कोई राह नहीं है,

तेरे बिना कोई चाह नहीं है,

और बची कोई राह नहीं है,

मेरे प्रीतम, मेरे माझी,

कर दो बेडा पार

साँवरिया ले चल परली पार ॥


कन्हैया ले चल परली पार,

साँवरिया ले चल परली पार,

जहां विराजे मेरी राधा रानी,

अलबेली सरकार ॥

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अगर माँ ने ममता लुटाई ना होती (Agar Maa Ne Mamta Lutai Na Hoti)

अगर माँ ने ममता लुटाई ना होती,
तो ममतामयी माँ कहाई ना होती ॥

अगर नाथ देखोगे अवगुण हमारे (Agar Nath Dekhoge Avgun Humare)

अगर नाथ देखोगे अवगुण हमारे,
तो हम कैसे भव से लगेंगे किनारे ॥

अगर प्यार तेरे से पाया ना होता (Agar Pyar Tere Se Paya Na Hota)

​अगर प्यार तेरे से पाया ना होता,
तुझे श्याम अपना बनाया ना होता ॥

अगर श्याम सुन्दर का सहारा ना होता (Agar Shyam Sundar Ka Sahara Na Hota)

अगर श्याम सुन्दर का सहारा ना होता,
तो दुनियाँ में कोई हमारा ना होता ।

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