कन्हैया ले चल परली पार - भजन (Kanhaiya Le Chal Parli Paar)

कन्हैया ले चल परली पार,

साँवरिया ले चल परली पार,

जहां विराजे मेरी राधा रानी,

अलबेली सरकार ॥


गुण अवगुण सब तेरे अर्पण,

पाप पुण्य सब तेरे अर्पण,

बुद्धि सहित मन तेरे अर्पण,

यह जीवन भी तेरे अर्पण,

मैं तेरे चरणो की दासी

मेरे प्राण आधार।।

साँवरिया ले चल परली पार ॥


तेरी आस लगा बैठी हूँ,

लज्जा शील गवां बैठी हूँ,

मैं अपना आप लूटा बैठी हूँ,

आँखें खूब थका बैठी हूँ,

साँवरिया मैं तेरी रागिनी,

तू मेरा मल्हार।।

कन्हैया ले चल परली पार ॥


जग की कुछ परवाह नहीं है,

सूझती अब कोई राह नहीं है,

तेरे बिना कोई चाह नहीं है,

और बची कोई राह नहीं है,

मेरे प्रीतम, मेरे माझी,

कर दो बेडा पार

साँवरिया ले चल परली पार ॥


कन्हैया ले चल परली पार,

साँवरिया ले चल परली पार,

जहां विराजे मेरी राधा रानी,

अलबेली सरकार ॥

........................................................................................................
जब तें रामु ब्याहि घर आए(Jab Te Ram Bhayai Ghar Aaye)

श्री गुरु चरन सरोज रज
निज मनु मुकुरु सुधारि ।

बालाजी के भक्तों सुनलो, बाबा का गुण गाया करो (Balaji Ke Bhakto Sun Lo Baba Ka Gun Gaya Karo)

बालाजी के भक्तों सुनलो,
बाबा का गुण गाया करो,

वो है जग से बेमिसाल सखी (Woh Hai Jag Se Bemisal Sakhi)

कोई कमी नहीं है, दर मइया के जाके देख
देगी तुझे दर्शन मइया, तू सर को झुका के देख

काली काली अलको के फंदे क्यूँ डाले - भजन (Kali Kali Alko Ke Fande Kyun Dale)

काली काली अलको के फंदे क्यूँ डाले,
हमें जिन्दा रहने दे ऐ मुरली वाले ॥

डिसक्लेमर

'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।

यह भी जाने