नवीनतम लेख
कर दो दूर प्रभु,
मेरे मन में अँधेरा है,
जब से तेरी लगन लगी,
हुआ मन में सवेरा है,
कर दों दुर प्रभु,
मेरे मन में अँधेरा है ॥
हरी तुमसे बिछड़े हुए,
कई युग बीत गए,
अब आन मिलो प्रियतम,
मेरे मन में प्यार तेरा है,
कर दों दुर प्रभु,
मेरे मन में अँधेरा है ॥
इतना तो बता दो मुझे,
मेरी मंज़िल है कहाँ,
अब ले चलो मुझको,
जहाँ संतो का डेरा है,
कर दों दुर प्रभु,
मेरे मन में अँधेरा है ॥
दर्शन पाये बिना,
दर से हटेंगे नहीं,
अब हमने डाल लिया,
तेरे दर पे डेरा है,
कर दों दुर प्रभु,
मेरे मन में अँधेरा है ॥
जब से तेरी लगन लगी,
मेरे मन की कलियाँ खिलीं,
अब जाग उठी किस्मत,
हुआ दर्शन तेरा है,
कर दों दुर प्रभु,
मेरे मन में अँधेरा है ॥
कर दो दूर प्रभु,
मेरे मन में अँधेरा है,
जब से तेरी लगन लगी,
हुआ मन में सवेरा है,
कर दों दुर प्रभु,
मेरे मन में अँधेरा है ॥
........................................................................................................'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।