Logo

करनल करुणा-सिंधु कहावै (Karnal Karuna Sindhu Kahavai)

करनल करुणा-सिंधु कहावै (Karnal Karuna Sindhu Kahavai)

देवी मढ़ देसाण री,

मेह दुलारी माय ।

गरज सकव गजराज री,

सारै नित सुरराय ॥


करनल करुणा-सिंधु कहावै

म्हां पर नित किरपा बरसावै

करनल करुणा-सिंधु कहावै


सुमिरंतां सुरराय सहायक,

मन सांसो मिटवावै ।

दरस कियां दुख दाळद मेटै,

पद परस्यां दुलरावै ॥

मैया चरण सरण बगसावै

करनल करुणा-सिंधु कहावै


अंतस पीड़ पिछाणै अंबा,

बिन सिमर्यां बतळावै ।

दूजो देव और कुण धरणी,

करणी जोड़ै आवै ।

अंबे भव दुख दूर भगावै

करनल करुणा-सिंधु कहावै


परचा है अणमाप प्रथी पर,

सबदां जो न समावै ।

घर घर जोत दीपै जगदंबा,

सेवक छंद सुणावै ।

सुण कर अंबा दौड़ी आवै

करनल करुणा-सिंधु कहावै


माथै हाथ ऱखावै मायड़,

सत री राह चलावै ।

कवि 'गजराज' बखाणै कीरत,

गायक रुच रुच गावै ।

करणी सुख संपत बगसावै

करनल करुणा-सिंधु कहावै

........................................................................................................
मेरा मिलन करा दों श्री राम से (Mera Milan Kara Do Shree Ram Se)

सागर सागर पार से सिया का,
समाचार लाने वाले,

विवाह पंचमी पर शादी क्यों नहीं होती ?

मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को विवाह पंचमी का त्योहार मनाया जाता है। यह हिंदू धर्म का प्रमुख पर्व है। आमतौर पर हिंदू कैलेंडर के अनुसार यह तिथि नवंबर या दिसंबर के महीने में आती है।

मेरा संकट कट गया जी (Mera Sankat Kat Gaya Ji)

मेरा संकट कट गया जी,
मेहंदीपुर के दरबार में,

मेरा श्याम बड़ा अलबेला (Mera Shyam Bada Albela)

मेरा श्याम बड़ा अलबेला,
मेरी मटकी में मार गया ढेला,

संबंधित लेख

HomeAartiAartiTempleTempleKundliKundliPanchangPanchang