करो हरी का भजन प्यारे,
उमरिया बीती जाती हे,
पूरब शुभ कर्म करी आया,
मनुष्य तन पृथ्वी पर पाया,
फिर विषयो से भरमाया,
मौत याद नहीं आती हे ,
करो हरी का भजन प्यारे!
बालपन खेल में खोया,
जोबन में काम बस होया ;
बुढ़ापा खाट पर सोया,
आस मन को सतानि हे,
करो हरी का भजन प्यारे!
कुटुंब परिवार सूत दारा,
स्वप्न सम देख जग सारा ;
माया का जाल बिस्तारा ,
नहीं ये संग जाती हे
करो हरी का भजन प्यारे!
जो हरी के चरण चित लावे,
सो भवसागर से तर जावे ;
ब्रह्मानंद मोक्ष पद पावे,
वेद वानी सुनाती हे
करो हरी का भजन प्यारे!
सनातन धर्म में सप्ताह के हर दिन को किसी न किसी देवता को समर्पित माना गया है। गुरुवार भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी का दिन है।
शास्त्रकार कहते हैं “मननात् त्रायते इति मंत्रः” अर्थात मनन करने पर जो त्राण दे या रक्षा करे वही मंत्र होता है। धर्म, कर्म और मोक्ष की प्राप्ति हेतु प्रेरणा देने वाली शक्ति को मंत्र कहते हैं।
मंत्रों के कई प्रकार होते हैं, जरूरत के हिसाब से इन मंत्रों का उपयोग किया जाता है। मंत्रों के प्रकार और उनके उपयोग से होने लाभों पर नज़र डालें तो आप पाएंगे ये विभिन्न रूपों में हैं।
माता लक्ष्मी, धन, समृद्धि और सौभाग्य की देवी, भक्तों के जीवन में सुख-शांति और वैभव लाने वाली हैं। उनकी पूजा-वंदना से सभी तरह की आर्थिक समस्याओं का समाधान होता है और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार भी होता है।