करूँ वंदन हे शिव नंदन (Karu Vandan Hey Shiv Nandan )

करूँ वंदन हे शिव नंदन,
तेरे चरणों की धूल है चन्दन,
तेरी जय हो गजानन जी,
जय जय हो गजानन जी ॥

विघ्न अमंगल तेरी कृपा से,
मिटते है गजराज जी,
विश्व विनायक बुद्धि विधाता,
श्री गणपति गजराज जी,
जब भी मन से करूँ अभिनन्दन,
अंतर मन हो जाए पावन,
तेरी जय हो गजानन जी,
जय जय हो गजानन जी ॥

करूं वंदन हें शिव नंदन,
तेरे चरणों की धूल है चन्दन,
तेरी जय हो गजानन जी,
जय जय हो गजानन जी ॥

रिद्धि सिद्धि के संग तिहारो,
सोहे मूस सवारी,
शुभ और लाभ के संग पधारो,
भक्तन के हितकारी,
काटो क्लेश कलह के बंधन,
हे लम्बोदर हे जग वंदन,
तेरी जय हो गजानन जी,
जय जय हो गजानन जी ॥

करूं वंदन हें शिव नंदन,
तेरे चरणों की धूल है चन्दन,
तेरी जय हो गजानन जी,
जय जय हो गजानन जी ॥

देवो में है प्रथम पूज्य,
हे एकदंत शुभकारी,
वंदन करे ‘देवेंद्र’ उमासूत,
पर जाऊँ बलिहारी,
करता ‘कुलदीप’ महिमा मंडन,
‘बादल’ विघ्नेश्वर का सुमिरण,
तेरी जय हो गजानन जी,
जय जय हो गजानन जी ॥

करूं वंदन हें शिव नंदन,
तेरे चरणों की धूल है चन्दन,
तेरी जय हो गजानन जी,
जय जय हो गजानन जी ॥

करूँ वंदन हे शिव नंदन,
तेरे चरणों की धूल है चन्दन,
तेरी जय हो गजानन जी,
जय जय हो गजानन जी ॥

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भानु सप्तमी पर सूर्य पूजा विधि

हिंदू धर्म में सूर्य उपासना को अत्यधिक महत्व दिया गया है। सूर्य देव को ऊर्जा, जीवन और स्वास्थ्य का कारक माना जाता है।

सज धज बैठ्या दादीजी, लुन राई वारा (Saj Dhaj Baithya Dadi Ji Lunrai Vara)

सज धज बैठ्या दादीजी,
लुन राई वारा,

जय जय गणपति गजानंद, तेरी जय होवे (Jai Jai Ganpati Gajanand Teri Jai Hove)

जय जय गणपति गजानंद,
तेरी जय होवे,

करवा और उसके सात भाइयों की कथा

करवा चौथ के एक अन्य कथा के अनुसार एक समय में किसी नगर में एक साहूकार अपनी पत्नी 7 पुत्रों, 7 पुत्रवधुओं तथा एक पुत्री के साथ निवास करता था।

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