कथा राम जी की है कल्याणकारी,
मगर ये करेगी असर धीरे धीरे,
अहंकार मद मोह फैला जो भीतर,
उतारेगी सारा जहर धीरे धीरे,
कथा राम जी की हैं कल्याणकारी,
मगर ये करेगी असर धीरे धीरे ॥
ना मौका मिलेगा कभी झंझटो से,
ना मौका मिलेगा कभी झंझटो से,
जैसे भी हो कुछ समय तो निकालो,
जनम आदमी का मिले ना मिले फिर,
चली जा रही है उमर धीरे धीरे,
कथा राम जी की हैं कल्याणकारी,
मगर ये करेगी असर धीरे धीरे ॥
अगर चाहता अपना तू कल्याण प्राणी,
अगर चाहता अपना तू कल्याण प्राणी,
तो करते रहो प्रेम सभी प्राणियों से,
विनय वंदना ही अमर साधना है,
बस हिलाते रहो ये अधर धीरे धीरे,
कथा राम जी की हैं कल्याणकारी,
मगर ये करेगी असर धीरे धीरे ॥
कथा राम जी की है कल्याणकारी,
मगर ये करेगी असर धीरे धीरे,
अहंकार मद मोह फैला जो भीतर,
उतारेगी सारा जहर धीरे धीरे,
कथा राम जी की हैं कल्याणकारी,
मगर ये करेगी असर धीरे धीरे ॥
सूर्यग्रहण.... एक सुंदर और अद्भुत खगोलीय घटना है, जब ब्रह्मांड एक अनोखा दृश्य प्रस्तुत करता है।
तैत्तिरीय उपनिषद में अन्न को देवता कहा गया है- अन्नं ब्रह्मेति व्यजानत्। साथ ही अन्न की निंदा और अवमानना का निषेध किया गया है- अन्नं न निन्द्यात् तद् व्रत। ऋग्वेद में अनेक अनाजों का वर्णन है I
गुड़ी पड़वा का पर्व हिंदू नववर्ष की शुरुआत का प्रतीक है। यह त्योहार चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को मनाया जाता है, जो इस साल 30 मार्च को पड़ रहा है।
हिंदू धर्म में नवरात्रि के दिनों को बेहद पवित्र और खास माना जाता है। नवरात्रि का त्योहार साल में चार बार आता है। चैत्र माह में आने वाली प्रत्यक्ष नवरात्रि बेहद खास होती है, क्योंकि इसी महीने से सृष्टि के रचयिता ब्रह्मा जी ने सृष्टि की रचना शुरू की थी।