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कावड़ियां ले चल गंग की धार (Kawadiya Le Chal Gang Ki Dhar)

कावड़ियां ले चल गंग की धार (Kawadiya Le Chal Gang Ki Dhar)

कावड़िया ले चल गंग की धार ॥


दोहा – भस्म रमाए बैठे है शंकर,

सज धज के दरबार,

कावड़िया ले आओ कावड़,

राह तके सरकार ॥


कावड़िया ले चल गंग की धार,

जहाँ बिराजे भोले दानी,

करके अनोखा श्रृंगार,

कावड़ियां ले चल गंग की धार ॥


अंग भभुति रमाए हुए है,

माथे चंद्र सजाए हुए है,

भंग तरंग में रहने वाले,

मस्त मलंग वो रहने वाले,

मेरे महांकल सरकार,

कावड़ियां ले चल गंग की धार ॥


शंभू तेरे दर आए है,

कावड़िया कावड़ लाए है,

जपते हर हर बम बम भोले,

झूम झूम मस्ती में डोले,

करते जय जय कार,

कावड़ियां ले चल गंग की धार ॥


कावड़ियां ले चल गंग की धार,

जहाँ बिराजे भोले दानी,

करके अनोखा श्रृंगार,

कावड़ियां ले चल गंग की धार ॥


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झूले पलना में कृष्ण कन्हैया(Jhule Palna Mein Krishna Kanhaiya)

झूले पलना में कृष्ण कन्हैया,
बधाई बाजे गोकुल में,

कब दर्शन देंगे राम परम हितकारी (Kab Darshan Denge Ram Param Hitkari)

भीलनी परम तपश्विनी,
शबरी जाको नाम ।

झुमर झलके अम्बा ना, गोरा गाल पे रे(Jhumar Jhalke Amba Na Gora Gaal Pe Re)

झूमर झलके अम्बा ना,
गोरा गाल पे रे,

जिन पर कृपा राम करे (Jin Par Kirpa Ram Kare)

राम नाम आधार जिन्हें,
वो जल में राह बनाते हैं,

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