कावड़ियां ले चल गंग की धार (Kawadiya Le Chal Gang Ki Dhar)

कावड़िया ले चल गंग की धार ॥


दोहा – भस्म रमाए बैठे है शंकर,

सज धज के दरबार,

कावड़िया ले आओ कावड़,

राह तके सरकार ॥


कावड़िया ले चल गंग की धार,

जहाँ बिराजे भोले दानी,

करके अनोखा श्रृंगार,

कावड़ियां ले चल गंग की धार ॥


अंग भभुति रमाए हुए है,

माथे चंद्र सजाए हुए है,

भंग तरंग में रहने वाले,

मस्त मलंग वो रहने वाले,

मेरे महांकल सरकार,

कावड़ियां ले चल गंग की धार ॥


शंभू तेरे दर आए है,

कावड़िया कावड़ लाए है,

जपते हर हर बम बम भोले,

झूम झूम मस्ती में डोले,

करते जय जय कार,

कावड़ियां ले चल गंग की धार ॥


कावड़ियां ले चल गंग की धार,

जहाँ बिराजे भोले दानी,

करके अनोखा श्रृंगार,

कावड़ियां ले चल गंग की धार ॥


........................................................................................................
महाशिवरात्रि पर शिवजी को क्या चढ़ाएं

महाशिवरात्रि का व्रत भगवान शिव को समर्पित है। इस दिन भक्त भगवान शिव की विशेष पूजा करते हैं और उनसे आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। ऐसी मान्यता है कि इस दिन व्रत रखने से मनुष्य के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं और उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है।

महिमा भोलेनाथ की सुनाएंगे (Mahima Bholenath Ki Sunayenge)

जय जय नमामि शंकर,
गिरिजापति नमामि शंकर,

राघवजी तुम्हें ऐसा किसने बनाया(Raghav Ji Tumhe Aisa Kisne Banaya)

ऐसा सुंदर स्वभाव कहाँ पाया,
राघवजी तुम्हें ऐसा किसने बनाया ।

विनायक चतुर्थी शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

भगवान गणेश को प्रथम पूज्य माना जाता है। विनायक चतुर्थी, उन्हीं को समर्पित एक त्योहार है। यह फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को विनायक चतुर्थी के रूप में मनाया जाता है।

डिसक्लेमर

'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।

यह भी जाने