केवट राम का भक्त है,
दोनों चरणों को धोना पड़ेगा,
जल सरयू का गहरा भी है,
पार उसको लगाना पड़ेगा,
केवट राम का भक्त हैं,
दोनों चरणों को धोना पड़ेगा ॥
श्रद्धा जितना भी राम से हो,
उसको सौगात उतना मिलेगा,
भूल जीवन में गलती से हो तो,
राम का नाम लेना पड़ेगा,
केवट राम का भक्त हैं,
दोनों चरणों को धोना पड़ेगा ॥
है वनवास जाना तो क्या,
मार्ग जंगल का मुश्किल तो क्या,
साथ भाई का हरदम मिले तो,
माई सीता को लाना पड़ेगा,
केवट राम का भक्त हैं,
दोनों चरणों को धोना पड़ेगा ॥
सीता कष्टों को झेले तो है,
सुख दुःख की सहेली भी है,
पिता का वचन भी तो है,
इसे हरपल निभाना पड़ेगा,
केवट राम का भक्त हैं,
दोनों चरणों को धोना पड़ेगा ॥
केवट राम का भक्त है,
दोनों चरणों को धोना पड़ेगा,
जल सरयू का गहरा भी है,
पार उसको लगाना पड़ेगा,
केवट राम का भक्त हैं,
दोनों चरणों को धोना पड़ेगा ॥
अनंग त्रयोदशी हिंदू धर्म में प्रेम और दांपत्य जीवन को सुदृढ़ करने वाला महत्वपूर्ण पर्व है। इसे मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है। 2024 में यह तिथि 13 दिसंबर को पड़ रही है।
सनातन धर्म में प्रदोष व्रत भगवान शिव और मां पार्वती को समर्पित है। 2024 में शुक्रवार, 13 दिसंबर को शुक्र प्रदोष व्रत का शुभ अवसर है।
अनंग त्रयोदशी का व्रत हर साल मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को रखा जाता है। 2024 में यह व्रत 13 दिसंबर को पड़ेगा। इस दिन प्रदोष व्रत भी रखा जाएगा, जो मार्गशीर्ष महीने का आखिरी प्रदोष व्रत है।
सनातन धर्म में मंगलवार का दिन हनुमान जी को समर्पित माना गया है। इस दिन विधिपूर्वक पूजा और व्रत करने से जातक की आर्थिक तंगी, शारीरिक पीड़ा और मानसिक तनाव समाप्त हो जाते हैं।