केवट राम का भक्त है(Kevat Ram Ka Bhakt Hai)

केवट राम का भक्त है,

दोनों चरणों को धोना पड़ेगा,

जल सरयू का गहरा भी है,

पार उसको लगाना पड़ेगा,

केवट राम का भक्त हैं,

दोनों चरणों को धोना पड़ेगा ॥


श्रद्धा जितना भी राम से हो,

उसको सौगात उतना मिलेगा,

भूल जीवन में गलती से हो तो,

राम का नाम लेना पड़ेगा,

केवट राम का भक्त हैं,

दोनों चरणों को धोना पड़ेगा ॥


है वनवास जाना तो क्या,

मार्ग जंगल का मुश्किल तो क्या,

साथ भाई का हरदम मिले तो,

माई सीता को लाना पड़ेगा,

केवट राम का भक्त हैं,

दोनों चरणों को धोना पड़ेगा ॥


सीता कष्टों को झेले तो है,

सुख दुःख की सहेली भी है,

पिता का वचन भी तो है,

इसे हरपल निभाना पड़ेगा,

केवट राम का भक्त हैं,

दोनों चरणों को धोना पड़ेगा ॥


केवट राम का भक्त है,

दोनों चरणों को धोना पड़ेगा,

जल सरयू का गहरा भी है,

पार उसको लगाना पड़ेगा,

केवट राम का भक्त हैं,

दोनों चरणों को धोना पड़ेगा ॥

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नगर मे जोगी आया यशोदा के घर आया(Nagar Mein Jogi Aaya Yashoda Ke Ghar Aaya )

नगर मे जोगी आया,
भेद कोई समझ ना पाया।

Anant Chaturdashi 2024: अनंत चतुर्दशी, तिथि, व्रत, कथा

अनंत चतुर्दशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा का विधान है। इस दिन लोग व्रत रखते हैं, पूजा-पाठ करते हैं और भगवान विष्णु को भोग लगाते हैं।

भगत पुकारे आज मावड़ी(Bhagat Pukare Aaj Mawadi)

भादी मावस है आई,
भक्ता मिल ज्योत जगाई,

ब्रह्मन्! स्वराष्ट्र में हों, द्विज ब्रह्म तेजधारी (Brahman Swarastra Mein Hon)

वैदिक काल से राष्ट्र या देश के लिए गाई जाने वाली राष्ट्रोत्थान प्रार्थना है। इस काव्य को वैदिक राष्ट्रगान भी कहा जा सकता है। आज भी यह प्रार्थना भारत के विभिन्न गुरुकुलों व स्कूल मे गाई जाती है।

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