खबर मेरी ले लेना,
उज्जैन के महाकाल ॥
ऊँचा है नाम बाबा ऊँची है महिमा,
संग विराजे हरसिद्धि मैया,
हमें दे दो किरपा का तुम दान,
खबर मोरी ले लेना,
उज्जैन के महाकाल ॥
जो लगावे गणपति को अर्जी,
बिगड़ी बना ना बना तेरी मर्जी,
हमें दे दो भक्ति का तुम दान,
खबर मोरी ले लेना,
उज्जैन के महाकाल ॥
जो क्षिप्रा में डुबकी लगावे,
विपत विराल पाप डर भागे,
हमें दे दो मुक्ति का तुम दान,
खबर मोरी ले लेना,
उज्जैन के महाकाल ॥
माँ अन्नपूर्णा मंगल करती,
किरपा करे भंडारे भरती,
गाए महिमा हम तो आज,
खबर मोरी ले लेना,
उज्जैन के महाकाल ॥
खबर मेरी ले लेना,
उज्जैन के महाकाल ॥
नाचे नन्दलाल,
नचावे हरि की मईआ ॥
अनंग त्रयोदशी व्रत हर साल मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है। यह दिन विशेष रूप से प्रेम और दांपत्य जीवन के लिए महत्व रखता है।
नफरत की दुनिया में,
हो गया जीना अब दुश्वार,
नगर मे जोगी आया,
भेद कोई समझ ना पाया।