खाटू चालों खाटू चालों,
खाटू वाले श्याम धणी को,
हैलो आयो है,
रंग रंगिलों फागणिये को,
मेलो आयो है,
खाटू चालों खाटू चालों ॥
जगह जगह से,
प्रेमियाँ की टोली आवे है,
नाच झूम के बाबा ने,
निशान चढ़ावें है,
चाव घणों है सब भक्ता को,
मन हर्षायो है,
रंग रंगिलों फागणिये को,
मेलो आयो है,
खाटू चालों खाटू चालों ॥
रंग अबीर उड़ावे सगला,
उधम मचावे है,
जोर जोर से श्याम की,
जय जयकार लगावे है,
भक्ता को खाटू नगरी,
में रेलो आयों है,
रंग रंगिलों फागणिये को,
मेलो आयो है,
खाटू चालों खाटू चालों ॥
फागणिये में रंग रसिया को,
खूब सजे दरबार,
मांगणिये का भरे खजाना,
श्याम धनी दातार,
‘गोलू’ के मन की मत पूछो,
आनंद छायों है,
रंग रंगिलों फागणिये को,
मेलो आयो है,
खाटू चालों खाटू चालों ॥
खाटू चालों खाटू चालों,
खाटू वाले श्याम धणी को,
हैलो आयो है,
रंग रंगिलों फागणिये को,
मेलो आयो है,
खाटू चालों खाटू चालों ॥
शीतल हैं शीतल वचन, चन्दन से अधिकाय ।
कल्प वृक्ष सम प्रभु चरण, हैं सबको सुखकाय ।।
जय जय जल देवता,जय ज्योति स्वरूप ।
अमर उडेरो लाल जय,झुलेलाल अनूप ॥
शीश नवा अरिहंत को, सिद्धन को, करुं प्रणाम |
उपाध्याय आचार्य का ले सुखकारी नाम ||
श्री गुरु गणनायक सिमर, शारदा का आधार।
कहूँ सुयश श्रीनाथ का, निज मति के अनुसार।