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खाटू वाले श्याम धणी को, हैलो आयो है(Khatu Wale Shyam Dhani Ko Helo Aayo Hai)

खाटू वाले श्याम धणी को, हैलो आयो है(Khatu Wale Shyam Dhani Ko Helo Aayo Hai)

खाटू चालों खाटू चालों,

खाटू वाले श्याम धणी को,

हैलो आयो है,

रंग रंगिलों फागणिये को,

मेलो आयो है,

खाटू चालों खाटू चालों ॥


जगह जगह से,

प्रेमियाँ की टोली आवे है,

नाच झूम के बाबा ने,

निशान चढ़ावें है,

चाव घणों है सब भक्ता को,

मन हर्षायो है,

रंग रंगिलों फागणिये को,

मेलो आयो है,

खाटू चालों खाटू चालों ॥


रंग अबीर उड़ावे सगला,

उधम मचावे है,

जोर जोर से श्याम की,

जय जयकार लगावे है,

भक्ता को खाटू नगरी,

में रेलो आयों है,

रंग रंगिलों फागणिये को,

मेलो आयो है,

खाटू चालों खाटू चालों ॥


फागणिये में रंग रसिया को,

खूब सजे दरबार,

मांगणिये का भरे खजाना,

श्याम धनी दातार,

‘गोलू’ के मन की मत पूछो,

आनंद छायों है,

रंग रंगिलों फागणिये को,

मेलो आयो है,

खाटू चालों खाटू चालों ॥


खाटू चालों खाटू चालों,

खाटू वाले श्याम धणी को,

हैलो आयो है,

रंग रंगिलों फागणिये को,

मेलो आयो है,

खाटू चालों खाटू चालों ॥

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मंगलवार पूजा विधि

हिंदू धर्म में प्रत्येक दिन किसी-न-किसी देवी-देवता की पूजा-अर्चना की जाती है। अगर आपको बजरंगबली की कृपा प्राप्त करनी हैं तो आप मंगलवार को उनकी पूजा-अर्चना कर सकते हैं।

बुधवार पूजा विधि

सनातन धर्म में सप्ताह का हर दिन किसी न किसी भगवान को समर्पित है। जैसा कि आपको बता दें कि सोमवार को भगवान शिव की पूजा-अर्चना की जाती है।

गुरुवार पूजा विधि

सनातन धर्म में गुरुवार दिन का विशेष महत्व है। साथ ही इस दिन व्रत करने का भी एक अलग ही महत्व है। ऐसी मान्यता है कि गुरुवार के दिन भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना करने से और व्रत रखने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं।

शुक्रवार पूजा विधि

सनातन धर्म में किसी भी दिन उपवास या व्रत की परंपरा बहुत पुरानी और महत्वपूर्ण मानी जाती है। ऐसा कहा जाता है कि यह धार्मिक दृष्टिकोण से बहुत ही महत्वपूर्ण होता है।

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