खाटू वाले श्याम हमारे,
भक्तों के तू काज संवारे,
गिरते हुए को,
पल में संभाले तू,
सांवरे सांवरे सांवरे सांवरे ॥
जिसने भी चौखट पे अर्जी लगाई,
पल भर में बाबा ने कर ली सुनाई,
तेरी महिमा तू ही जाने,
हम तो हो गए तेरे दीवाने,
रखना तू हम पर दया,
खाटू वालें श्याम हमारे,
भक्तों के तू काज संवारे,
गिरते हुए को,
पल में संभाले तू,
सांवरे सांवरे सांवरे सांवरे ॥
श्याम तेरे भक्तों को तेरा सहारा,
तेरे भरोसे ही चलता गुजारा,
सबकी नैया तेरे हवाले,
गहरे भंवर से तू ही निकाले,
खाते है तेरा दिया,
खाटू वालें श्याम हमारे,
भक्तों के तू काज संवारे,
गिरते हुए को,
पल में संभाले तू,
सांवरे सांवरे सांवरे सांवरे ॥
सांवरे की घर घर में ज्योत जले है,
लाखों दिलों में तेरी भक्ति पले है,
सांचा जग में नाम तिहारा,
हर्ष हमेशा देना सहारा,
हमको ना देना भुला,
खाटू वालें श्याम हमारे,
भक्तों के तू काज संवारे,
गिरते हुए को,
पल में संभाले तू,
सांवरे सांवरे सांवरे सांवरे ॥
खाटू वाले श्याम हमारे,
भक्तों के तू काज संवारे,
गिरते हुए को,
पल में संभाले तू,
सांवरे सांवरे सांवरे सांवरे ॥
आ जाओ भोले बाबा मेरे मकान मे,
तेरा डम डम डमरू बोले सारे जहान में ॥
ओ बाबा तेरे भक्त बुलाये,
आ जाओ गजानन प्यारे,
आ जाओ सरकार,
दिल ने पुकारा है,
करवा चौथ की सबसे प्रसिद्ध कहानी के अनुसार देवी करवा अपने पति के साथ तुंगभद्रा नदी के पास रहा करती थीं। एक दिन करवा के पति नदी में स्नान करने गए तो एक मगरमच्छ ने उनका पैर पकड़ लिया और उन्हें जल में खिंचने लगा