खोलो समाधी भोले शंकर,
मुझे दरश दिखाओ,
इस जग की झूठी माया,
से मुझको बचाओ,
खोलो समाधि भोले शंकर,
मुझे दरश दिखाओ ॥
शिव शिव जपती मैं,
दूर से आई,
शिव शिव जपती मैं,
दूर से आई,
दर दर की ठोकरें है खाई,
मुझे दरश दिखाओ,
खोलो समाधि भोले शंकर,
मुझे दरश दिखाओ ॥
तुमको ढूंढा प्रभु,
मंदिर मंदिर,
तुमको ढूंढा प्रभु,
मंदिर मंदिर,
फिर भी प्रभु ढूंढ ना पाई,
मुझे दरश दिखाओ,
खोलो समाधि भोले शंकर,
मुझे दरश दिखाओ ॥
लाई मैं भोले बाबा,
बेल धतूरा,
लाई मैं भोले बाबा,
बेल धतूरा,
गंगा जल मैं लेके आई,
मुझे दरश दिखाओ,
खोलो समाधि भोले शंकर,
मुझे दरश दिखाओ ॥
करो मोपे किरपा,
मेरे भोले बाबा,
करो मोपे किरपा,
मेरे भोले बाबा,
दासी का भाग्य जगाओ,
मुझे दरश दिखाओ,
खोलो समाधि भोले शंकर,
मुझे दरश दिखाओ ॥
खोलो समाधी भोले शंकर,
मुझे दरश दिखाओ,
इस जग की झूठी माया,
से मुझको बचाओ,
खोलो समाधि भोले शंकर,
मुझे दरश दिखाओ ॥
हिंदू धर्म में श्राद्ध पूजा का विशेष महत्व है। यह पितरों यानी पूर्वजों के प्रति अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करने का एक प्रमुख अनुष्ठान है। जो सदियों से हिंदू संस्कृति में करा जाता है। श्राद्ध संस्कार में पिंडदान, और ब्राह्मण भोजन कराया जाता है।
हिंदू धर्म में एक परिवार के लिए उसका घर एक मंदिर की तरह होता है। ऐसे में वो नहीं चाहेगा, कि घर में किसी तरह की दिक्कत आए। इसी कारण से लोग घर के लिए गृह शांति पूजा करवाते हैं।
शिलान्यास यानि किसी भी नए भवन या योजना की शुरुआत करना। हिंदू धर्म में किसी भी नई चीज की शुरुआत करने के पहले पूजा करने की परंपरा है। इसी कारण से बहुत से लोग शिलान्यास करने से पहले बहुत से लोग पूजा करते हैं।
किसी भी व्यक्ति के लिए घर उसका मंदिर होता है। इसी कारण से जब वो अपने घर के निर्माण कार्य की शुरुआत करता है, उससे पहले भूमि का पूजन करवाता है।