किसी के काम जो आये,
उसे इन्सान कहते हैं ।
पराया दर्द अपनाये,
उसे इन्सान कहते हैं ॥
कभी धनवान है कितना,
कभी इन्सान निर्धन है ।
कभी सुख है, कभी दुःख है,
इसी का नाम जीवन है ॥
जो मुश्किल में न घबराये,
उसे इन्सान कहते हैं ॥
किसी के काम जो आये,
उसे इन्सान कहते हैं ।
पराया दर्द अपनाये,
उसे इन्सान कहते हैं ॥
यह दुनियाँ एक उलझन है,
कहीं धोखा कहीं ठोकर ।
कोई हँस-हँस के जीता है,
कोई जीता है रो-रोकर ॥
जो गिरकर फिर सँभल जाये,
उसे इन्सान कहते हैं ॥
किसी के काम जो आये,
उसे इन्सान कहते हैं ।
पराया दर्द अपनाये,
उसे इन्सान कहते हैं ॥
अगर गलती रुलाती है,
तो राहें भी दिखाती है ।
मनुज गलती का पुतला है,
यह अक्सर हो ही जाती है ॥
जो कर ले ठीक गलती को,
उसे इन्सान कहते हैं ॥
किसी के काम जो आये,
उसे इन्सान कहते हैं ।
पराया दर्द अपनाये,
उसे इन्सान कहते हैं ॥
यों भरने को तो दुनियाँ में,
पशु भी पेट भरते हैं ।
लिये इन्सान का दिल जो,
वो नर परमार्थ करते हैं ॥
पथिक जो बाँट कर खाये,
उसे इन्सान कहते हैं ॥
किसी के काम जो आये,
उसे इन्सान कहते हैं ।
पराया दर्द अपनाये,
उसे इन्सान कहते हैं ॥
नरसिंह जयंती का पर्व भगवान विष्णु के चौथे अवतार, श्री नृसिंह भगवान के प्राकट्य दिवस के रूप में मनाया जाता है। यह पर्व वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है।
हिंदू पंचांग के अनुसार इस समय साल का दूसरा महीना यानी वैशाख माह चल रहा है। ये कुछ ही दिनों में समाप्त हो जाएगा और इसके बाद शुरू होगा ज्येष्ठ माह। इस आम भाषा में जेठ महीना भी कहा जाता है।
हिंदू पंचांग में पूर्णिमा तिथि का विशेष महत्त्व होता है। 12 मई 2025, सोमवार को वैशाख पूर्णिमा और बुद्ध पूर्णिमा दोनों ही हैं। यह दिन धार्मिक दृष्टि से बहुत शुभ माना जाता है।
हिंदू पंचांग के अनुसार, इस साल 13 मई 2025 से ज्येष्ठ मास की शुरुआत हो रही है, जो 11 जून तक चलेगा। यह महीना गर्मी का चरम समय होता है और धार्मिक रूप से भी बहुत खास माना गया है। इस महीने को 'बड़ा महीना' भी कहा जाता है। सूर्य देव इस समय अपनी तेज किरणों से गर्मी बढ़ा देते हैं।