कोई लाख करे चतुरायी,
करम का लेख मिटे ना रे भाई,
करम का लेख मिटे ना रे भाई ॥
जरा समझो इसकी सच्चाई रे,
करम का लेख मिटे ना रे भाई ॥
इस दुनिया में,
भाग्य के आगे,
चले ना किसी का उपाय,
कागद हो तो,
सब कोई बांचे,
करम ना बांचा जाए,
इस दिन इसी,
किस्मत के कारण,
वन को गए थे रघुराई रे,
करम का लेख मिटे ना रे भाई ॥
कोई लाख करे चतुरायी,
करम का लेख मिटे ना रे भाई,
करम का लेख मिटे ना रे भाई ॥
काहे मनवा धीरज खोता,
काहे तू नाहक रोए,
अपना सोचा कभी ना होता,
भाग्य करे तो होए,
चाहे हो राजा चाहे भिखारी,
ठोकर सभी ने यहाँ खायी रे,
करम का लेख मिटे ना रे भाई ॥
कोई लाख करे चतुरायी,
करम का लेख मिटे ना रे भाई,
करम का लेख मिटे ना रे भाई ॥
सनातन हिंदू धर्म के अनुसार सभी सातों दिन अलग-अलग देवी-देवताओं को समर्पित होते हैं। इसलिए, हर दिन के अनुसार पूजा-आराधना की जाती है।
सातों दिन में गुरुवार का दिन भगवान विष्णु और गुरु बृहस्पति को समर्पित होता है। इस दिन बृहस्पतिवार व्रत और कथा के पाठ करने का विधान है।
सनातन धर्म में माघ महीने को अत्यंत पवित्र माना जाता है। यह महीना धार्मिक दृष्टिकोण से बेहद महत्वपूर्ण है। धार्मिक पंचांग के अनुसार, माघ माह की शुरुआत मकर संक्रांति के दिन होती है।
जनवरी महीने का दूसरा प्रदोष व्रत सोमवार, 27 जनवरी को मनाया जाएगा। माघ मास में आने वाला यह पावन पर्व भगवान शिव के भक्तों के लिए विशेष महत्व रखता है। इस बार का प्रदोष व्रत अनेक शुभ योगों से युक्त होने के कारण भक्तों के जीवन में खुशहाली और समृद्धि लाने वाला सिद्ध होगा।