कृष्ण घर नन्द के जन्मे,
दुलारा हो तो ऐसा हो,
लोग दर्शन चले आये,
सितारा हो तो ऐसा हो ॥
बकासुर को मसल डाला,
पूतना जान से मारी,
पूतना जान से मारी,
कंस को केश से खिंचा,
खिलाडी हो तो ऐसा हो,
श्री कृष्ण घर नन्द के जन्मे,
सितारा हो तो ऐसा हो ॥
कूद पानी के अंदर से,
नाग को नाथ के लाये,
चरण फण फण पे देकर के,
नचारा हो तो ऐसा हो,
श्री कृष्ण घर नन्द के जन्मे,
सितारा हो तो ऐसा हो ॥
तीर जमुना के जाकर के,
बजाई बांसुरी मोहन,
चली घर छोड़ बृजनारी,
बजाना हो तो ऐसा हो,
श्री कृष्ण घर नन्द के आए,
सितारा हो तो ऐसा हो ॥
रचाई रास कुंजन में,
मनोहर रूप बनकर के,
देव दर्शन चले आये,
दीदारा हो तो ऐसा हो,
श्री कृष्ण घर नन्द के जन्मे,
सितारा हो तो ऐसा हो ॥
गए जब छोड़ गोकुल को,
नहीं फिर लौट कर आये,
सखी रोती रही बन में,
किनारा हो तो ऐसा हो,
श्री कृष्ण घर नन्द के आए,
सितारा हो तो ऐसा हो ॥
कौरव पांडव रण में,
जीत अर्जुन की करवाये,
बचाई लाज द्रोपती की,
सहारा हो तो ऐसा हो,
श्री कृष्ण घर नन्द के जन्मे,
सितारा हो तो ऐसा हो ॥
पूरी द्वारावती जाकर,
महल सोने के बनवाये,
हजारो रानिया ब्याही,
पसारा हो तो ऐसा हो,
श्री कृष्ण घर नन्द के आए,
सितारा हो तो ऐसा हो ॥
उतारा भार भूमि का,
सिधारे धाम अपने को,
वो ब्रम्हानंद दुनिया से,
नियारा हो तो ऐसा हो,
श्री कृष्ण घर नन्द के आए,
सितारा हो तो ऐसा हो ॥
कृष्ण घर नन्द के जन्मे,
दुलारा हो तो ऐसा हो,
करे सब प्रेम से दर्शन,
सितारा हो तो ऐसा हो ॥
माघ मास की कृष्ण जन्माष्टमी, जो कि हिंदू कैलेंडर के अनुसार माघ माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाई जाती है। यह इस साल 2025 में 21 जनवरी को पड़ रही है।
सनातन हिंदू धर्म के अनुयायियों के लिए मासिक कृष्ण जन्माष्टमी बहुत ही खास और पवित्र पर्व माना जाता है। यह दिन जगत के पालनकर्ता भगवान विष्णु के आठवें अवतार भगवान श्रीकृष्ण को समर्पित है।
सनातन हिंदू धर्म में, मासिक कृष्ण जन्माष्टमी के दिन भगवान श्रीकृष्ण की विधिवत रूप से पूजा-अर्चना करने का विधान है। धार्मिक मान्यता है कि इससे साधक को सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है।
सनातन हिंदू धर्म में कालाष्टमी का दिन अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। यह विशेष दिन काल भैरव बाबा को समर्पित है। यदि कोई साधक इस तिथि पर सच्चे मन से भगवान शिव के रौद्र रूप भैरव बाबा की पूजा करता है।