Logo

कुमार मैने देखे, सुंदर सखी दो कुमार (Kumar Maine Dekhe, Sundar Sakhi Do Kumar)

कुमार मैने देखे, सुंदर सखी दो कुमार (Kumar Maine Dekhe, Sundar Sakhi Do Kumar)

कुमार मैने देखे,

सुंदर सखी दो कुमार ।

कुमार मैने देखे,

सुंदर सखी दो कुमार ।


हाथों में फूलों का दौना भी सोहे

सुंदर गले में सोहे हार,

कुमार मैने देखे ।

॥ कुमार मैने देखे, सुंदर...॥


सुंदर सलौने बांके रसीले

मोह लिए नर नारी,

कुमार मैने देखे ।

॥ कुमार मैने देखे, सुंदर...॥


मुनियों का यज्ञ इन्होंने रचाया

दीनो की सुनते पुकार,

कुमार मैने देखे ।

॥ कुमार मैने देखे, सुंदर...॥


भक्तों के जीवन, संतों के प्यारे

सब के हैं प्राण आधार,

कुमार मैने देखे ।

॥ कुमार मैने देखे, सुंदर...॥


करुणा के सागर, दशरथ के दुलारे

सब इनसे करते हैं प्यार,

कुमार मैने देखे ।

॥ कुमार मैने देखे, सुंदर...॥


पल भर में अपने, चरणों की रज से

नारी अहिल्या दी तार,

कुमार मैने देखे ।

॥ कुमार मैने देखे, सुंदर...॥


कुमार मैने देखे,

सुंदर सखी दो कुमार ।

कुमार मैने देखे,

सुंदर सखी दो कुमार ।


........................................................................................................
अन्वधान और इष्टी क्या है

भारत के त्योहार और अनुष्ठान वैदिक परंपराओं में गहराई से निहित हैं। इसमें से अन्वधान और इष्टि का विशेष महत्व है। ये अनुष्ठान कृषि चक्रों और आध्यात्मिक कायाकल्प के साथ जुड़े होते हैं।

गुरुवार को केले के पेड़ की पूजा क्यों की जाती है?

हिंदू धर्म में गुरुवार का दिन भगवान विष्णु को समर्पित होता है। इस दिन केले के पेड़ की पूजा का विशेष महत्व है क्योंकि मान्यता है कि इस पेड़ में भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी का वास होता है।

श्री राम जानकी बैठे हैं मेरे सीने मे (shri ram janki bethe hai mere seene me)

श्री राम जानकी बैठे हैं मेरे सीने मे,
देख लो मेरे दिल के नगीने में II

श्री राम, जय राम, जय जय राम: राम धुन (Shri Ram Jay Ram Jay Jay Ram Dhun)

श्री राम, जय राम, जय जय राम
श्री राम, जय राम, जय जय राम

यह भी जाने

संबंधित लेख

HomeAartiAartiTempleTempleKundliKundliPanchangPanchang