क्यों छुप के बैठते हो, परदे की क्या जरुरत (Kyu Chup Ke Baithte Ho Parde Ki Kya Jarurat)

क्यों छुप के बैठते हो,

परदे की क्या जरुरत,

भक्तों को यूँ सताने की,

भक्तों को यूँ सताने की,

अच्छी नहीं है आदत,

क्यो छुप के बैठते हो,

परदे की क्या जरुरत ॥


माना की मुरली वाले,

बांकी तेरी अदा है,

तेरी सांवरी छवि पे,

सारा ये जग फ़िदा है,

लेकिन हो कारे कारे,

लेकिन हो कारे कारे,

ये भी तो है हकीकत,

क्यो छुप के बैठते हो,

परदे की क्या जरुरत ॥


टेढ़ी तेरी छवि है,

तिरछी है तेरी आँखे,

टेढ़ा मुकुट है सर पे,

टेढ़ी है तेरी बातें,

करते हो तुम क्यों सांवरे,

करते हो तुम क्यों सांवरे,

भक्तो से ये शरारत,

क्यो छुप के बैठते हो,

परदे की क्या जरुरत ॥


हमको बुला के मोहन,

क्यों पर्दा कर लिया है,

हम गैर तो नहीं है,

हमने भी दिल दिया है,

देखूं मिला के नज़रे,

देखूं मिला के नज़रे,

दे दो जरा इजाजत,

क्यो छुप के बैठते हो,

परदे की क्या जरुरत ॥


दिलदार तेरी यारी,

हमको जहाँ से प्यारी,

तेरी सांवरी सलोनी,

सूरत पे ‘रोमी’ वारि,

पर्दा जरा हटा दो,

पर्दा जरा हटा दो,

कर दो प्रभु इनायत,

क्यो छुप के बैठते हो,

परदे की क्या जरुरत ॥


क्यों छुप के बैठते हो,

परदे की क्या जरुरत,

भक्तों को यूँ सताने की,

भक्तों को यूँ सताने की,

अच्छी नहीं है आदत,

क्यो छुप के बैठते हो,

परदे की क्या जरुरत ॥

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शंकर तेरी जटा से बहती है गंग धारा (Shankar Teri Jata Se Behti Hai Gang Dhara)

शंकर तेरी जटा से,
बहती है गंग धारा,

इस धरती पर स्वर्ग से सुन्दर, है तेरा दरबार(Is Dharti Par Swarg Se Sundar Hai Tera Darbar)

इस धरती पर स्वर्ग से सुन्दर,
है तेरा दरबार ॥

तेरी मुरली की मैं हूँ गुलाम(Teri Murli Ki Main Huun Gulaam Mere Albele Shyam)

तेरी मुरली की मैं हूँ गुलाम, मेरे अलबेले श्याम
अलबेले श्याम मेरे मतवाले श्याम ॥

कब तुम कृपा करोगी श्री राधा रानी (Kab Tum Kripa Karogi Shri Radha Rani)

कब तुम कृपा करोगी श्री राधा रानी,
कब तुम कृपा करोगी मेरी लाड़ो प्यारी,

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