तेरे बरसाने में है,
बेसहारों को सहारा,
तेरे बरसाने में है।
लाडली अद्भुत नजारा,
तेरे बरसाने में है ॥
झांकीया तेरे महल की,
कर रहे सब देवगण,
आ गया बैकुंठ सारा,
तेरे बरसाने में है,
आ गया बैकुंठ सारा,
तेरे बरसाने में है ॥
बेसहारों को सहारा,
तेरे बरसाने में है।
लाडली अद्भुत नजारा,
तेरे बरसाने में है ॥
हर लता हर डाल पर,
तेरी दया की है नजर,
हर घड़ी यशोमत दुलारा,
तेरे बरसाना में है,
हर घड़ी यशोमत दुलारा,
तेरे बरसाना में है,
लाडली अद्भुत नजारा,
तेरे बरसाने में है ॥
बेसहारों को सहारा,
तेरे बरसाने में है।
लाडली अद्भुत नजारा,
तेरे बरसाने में है ॥
भानु की है लाड़ली तू,
श्याम की है प्राणेश्वरी,
प्रेम का अद्भुत नजारा,
तेरे बरसाने में है,
प्रेम का अद्भुत नजारा,
तेरे बरसाने में है,
लाडली अद्भुत नजारा,
तेरे बरसाने में है ॥
बेसहारों को सहारा,
तेरे बरसाने में है।
लाडली अद्भुत नजारा,
तेरे बरसाने में है ॥
तू ही ममता की है सरिता,
तू ही है करुणामयी,
तेरी कृपा की शीतल छाया,
तेरे बरसाने में है,
तेरी कृपा की शीतल छाया,
तेरे बरसाने में है,
लाडली अद्भुत नजारा,
तेरे बरसाने में है ॥
बेसहारों को सहारा,
तेरे बरसाने में है।
लाडली अद्भुत नजारा,
तेरे बरसाने में है ॥
अब कहाँ जाऊं किशोरी,
तेरे दर को छोड़ कर,
मेरे जीवन का सहारा,
तेरे बरसाने में है,
मेरे जीवन का सहारा,
तेरे बरसाने में है,
लाडली अद्भुत नजारा,
तेरे बरसाने में है ॥
बेसहारों को सहारा,
तेरे बरसाने में है।
लाडली अद्भुत नजारा,
तेरे बरसाने में है ॥
लाड़ली अद्भुत नजारा,
तेरे बरसाने में है,
बेसहारों को सहारा,
तेरे बरसाने में है,
लाडली अद्भुत नजारा,
तेरे बरसाने में है ॥
बेसहारों को सहारा,
तेरे बरसाने में है।
लाडली अद्भुत नजारा,
तेरे बरसाने में है ॥
हरियाली तीज, जिसे श्रावण तीज के नाम से भी जाना जाता है, एक पारंपरिक हिंदू त्योहार है जो भारत और नेपाल में मनाया जाता है। हरियाली तीज का अर्थ है "हरियाली की तीज" या "हरित तीज"। यह नाम इसलिए पड़ा है क्योंकि यह त्योहार मानसून के मौसम में मनाया जाता है, जब प्रकृति में हरियाली का प्रवेश होता है। यह पर्व श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है, जो आमतौर पर जुलाई या अगस्त में पड़ती है। इस दिन भगवान शिव और देवी पार्वती की पूजा का विधान है।
शिव और पार्वती की प्रेम कहानी एक अनोखी और प्यारी कहानी है, जो हमें रिश्तों के मायने सिखाती है। यह कहानी हमें बताती है कि प्यार और सम्मान से भरे रिश्ते को कैसे बनाए रखा जा सकता है। हरियाली तीज का पर्व शिव और पार्वती के प्रेम की याद दिलाता है।
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