लाल ध्वजा लहराये रे,
मैया तोरी ऊंची पहड़िया ॥
लोंग इलायची के बीड़ा लगाए,
चम्पा चमेली के हार बनाये,
लाल अनार चड़ाए रे,
मैया तोरी ऊंची पहड़िया ॥
लाल गुलाल से लाल भये है,
लाल तुम्हारे निहाल भये है,
मैया के रंग रंग आये रे,
मैया तोरी ऊंची पहड़िया ॥
‘पदम्’ सुमर मैया तोरे जस गाये,
चरणों मे तोरे शीश झुकाये,
गीत सुमन बरसाए रे,
मैया तोरी ऊंची पहड़िया ॥
लाल ध्वजा लहराये रे,
मैया तोरी ऊंची पहड़िया ॥
साल 2025 में अपने नन्हे मेहमान के आगमन के साथ आप उनके नामकरण संस्कार की तैयारी में जुट गए होंगे। यह एक ऐसा पल है जो न केवल आपके परिवार के लिए बल्कि आपके बच्चे के भविष्य के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण है। नामकरण संस्कार, जिसमें बच्चे को उसका पहला नाम दिया जाता है। यह हिंदू धर्म में 16 प्रमुख संस्कारों में से एक है।
हिंदू धर्म में उपनयन संस्कार एक महत्वपूर्ण अनुष्ठान है। उपनयन शब्द का अर्थ है "अंधकार से प्रकाश की ओर बढ़ना"। इस अनुष्ठान से बालक को धार्मिक और आध्यात्मिक जीवन की ओर बढ़ने के लिए प्रेरित किया जाता है।
हिंदू धर्म की समृद्ध परंपरा में "सोलह संस्कार" का महत्वपूर्ण स्थान है, जो जीवन के हर महत्वपूर्ण पड़ाव को दिशा देते हैं। इन संस्कारों में से एक है अन्नप्राशन, जब बच्चा पहली बार ठोस आहार का स्वाद लेता है।
नया व्यवसाय शुरू करना एक महत्वपूर्ण निर्णय है, जिसमें कई चीजें शामिल होती हैं - रणनीति, कड़ी मेहनत, नवाचार और सबसे महत्वपूर्ण शुभ मुहूर्त। सही समय चुनना भी उतना ही महत्वपूर्ण है, जितना कि आपके व्यवसाय की रणनीति और योजना।