लाल लंगोटे वाले वीर हनुमान है,
हनुमान गढ़ी में बैठे,
अयोध्या की शान है,
लाल लंगोटे वालें वीर हनुमान है ॥
बजरंगी का हूँ मैं दीवाना,
हर दम गाऊं यही तराना,
तेरा ही इस जीवन पर एहसान है ॥
हनुमान गढ़ी में बैठे,
अयोध्या की शान है,
लाल लंगोटे वालें वीर हनुमान है ॥
तू मेरा मैं तेरा प्यारे,
ये जीवन अब तेरे सहारे,
बजरंगी ही सब भक्तों की जान है ॥
हनुमान गढ़ी में बैठे,
अयोध्या की शान है,
लाल लंगोटे वालें वीर हनुमान है ॥
पागल प्रीत की एक ही आशा,
दर्दे दिल दर्शन का प्यासा,
बजरंगी से ही भक्तों का सामान है ॥
हनुमान गढ़ी में बैठे,
अयोध्या की शान है,
लाल लंगोटे वालें वीर हनुमान है ॥
तुझको अपना मान लिया है,
जीवन तेरे नाम किया है,
‘गुरु ब्रजमोहन देवेंद्र’ का तुझसे मान है ॥
हनुमान गढ़ी में बैठे,
अयोध्या की शान है,
लाल लंगोटे वालें वीर हनुमान है ॥
लाल लंगोटे वाले वीर हनुमान है,
हनुमान गढ़ी में बैठे,
अयोध्या की शान है,
लाल लंगोटे वालें वीर हनुमान है ॥
शांति केवल बाहर के वातावरण में नहीं, हमारे भीतर भी जरूरी है। जब मन अशांत हो, जीवन में बाधाएँ बार-बार आएं या मानसिक बेचैनी बनी रहे। तब शास्त्र हमें एक उपाय बताते हैं: शांति पूजा।
हिंदू धर्म में गीता को केवल एक ग्रंथ नहीं, बल्कि जीवन जीने की कला माना गया है। यह महाभारत का ही एक हिस्सा है, जिसमें भगवान श्रीकृष्ण ने कुरुक्षेत्र की रणभूमि में अर्जुन को धर्म, कर्म, नीति और जीवन के रहस्यों का उपदेश दिया।
गुरुवार का दिन भगवान विष्णु को समर्पित है। शास्त्रों में कहा गया है कि इस दिन भगवान विष्णु की उपासना करने से न सिर्फ जीवन की परेशानियाँ दूर होती हैं, बल्कि सुख-शांति और समृद्धि भी आती है।
हिंदू पंचांग के अनुसार, आषाढ़ मास वर्ष का चौथा महीना होता है, जो आम तौर पर जून से जुलाई के बीच आता है। यह महीना न केवल प्रकृति में बदलाव लेकर आता है, बल्कि हिंदू धर्म में इसे आध्यात्मिक दृष्टि से भी अत्यंत शुभ और महत्वपूर्ण माना गया है।