ले चल अपनी नागरिया,
अवध बिहारी साँवरियाँ ।
अवध बिहारी सांवरिया,
लें चल अपनी नागरिया ।
ले चल अपनी नागरिया,
अवध बिहारी साँवरियाँ ॥
सरयू के तीर अयोध्या नगरी,
सरयू के तीर अयोध्या नगरी,
संत भरे जहाँ गागरिया,
संत भरे जहाँ गागरिया ,
अवध बिहारी सांवरिया,
लें चल अपनी नागरिया,
ले चल अपनी नागरिया,
अवध बिहारी साँवरियाँ ॥
कनक भवन सिया रघुवर राजे,
कनक भवन सिया रघुवर राजे,
देख भई मैं बावरिया,
देख भई मैं बावरिया,
अवध बिहारी सांवरिया,
लें चल अपनी नागरिया,
ले चल अपनी नागरिया,
अवध बिहारी साँवरियाँ ॥
ले चल अपनी नागरिया,
अवध बिहारी साँवरियाँ,
अवध बिहारी सांवरिया,
लें चल अपनी नागरिया,
ले चल अपनी नागरिया,
अवध बिहारी साँवरियाँ ॥
कुंभ के दिव्य स्नान और आध्यात्मिक अनुष्ठानों के लिए श्रद्धालुओं की धड़कनें बढ़ चुकी हैं। ट्रेन, बस और होटलों की बुकिंग में भी बेतहाशा रफ्तार आई है, क्योंकि लाखों लोग इस ऐतिहासिक मौके का हिस्सा बनने के लिए तैयार हैं।
कुम्भ मेला एक ऐसा अवसर है जब श्रद्धालु पुण्य अर्जित करने के लिए संगम स्नान, दान और ध्यान करते हैं। इस पवित्र अवसर पर यह सुनिश्चित करना बहुत जरूरी है कि हम कोई ऐसा कार्य न करें जिससे पाप का अर्जन हो जाए।
इस साल, 13 जनवरी से 27 फरवरी तक प्रयागराज में महाकुंभ का भव्य आयोजन होने जा रहा है। इस दौरान लाखों श्रद्धालु और साधु-संत संगम के तट पर एकत्रित होंगे, जहां पवित्र गंगा, यमुना और संगम के जल में स्नान करने के लिए लोग दूर-दूर से आते हैं।
महाकुंभ का मेला हर बार अपार श्रद्धा और धूमधाम के साथ आयोजित किया जाता है। विशेष पुण्य और आशीर्वाद की प्राप्ति के साथ, यह स्नान जीवन को नई दिशा और शांति प्रदान करता है।