माँ दुर्गे आशीष दो माँ दुर्गे आशीष दो
मन मे मेरे वास हो तेरा चरणो संग प्रीत हो ॥
जनम जनम का साथ हो तेरा इतना आशीर्वाद दो,
कृपा तेरी बनी रहे माँ सर पे तेरा हाथ हो,
माँ दुर्गे आशीष दो माँ दुर्गे आशीष दो,
मन में मेरे वास हो तेरा चरणो संग प्रीत हो,
माँ दुर्गे आशीष दो ॥
जब भी तुझको याद किया पल में दर्श दिखाती हो,
अपने बच्चो को मैया ममता से गले लगाती हो,
माँ गले लगाती हो,
माँ दुर्गे आशीष दो माँ दुर्गे आशीष दो।
मन में मेरे वास हो तेरा चरणो संग प्रीत हो,
माँ दुर्गे आशीष दो ॥
तेरे नाम का अमृत पाये ऐसी किरपा कर दे माँ,
झोलियाँ सबकी भर जाये नजर मेहर की करदे माँ,
नजर मेहर की करदे माँ,
माँ दुर्गे आशीष दो माँ दुर्गे आशीष दो,
मन में मेरे वास हो तेरा चरणो संग प्रीत हो,
माँ दुर्गे आशीष दो माँ दुर्गे आशीष दो ॥
मन में मेरे वास हो तेरा चरणो संग प्रीत हो,
माँ दुर्गे आशीष दो ॥
हिंदू धर्म में रविवार का दिन भगवान सूर्यदेव को प्रिय है। ज्योतिष शास्त्र में सूर्य देव को सभी ग्रहों का राजा कहा जाता है। सूर्यदेव की पूजा जातक के लिए बेहद फलदायी साबित होती है।
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वट सावित्री व्रत हिंदू धर्म में विवाहित स्त्रियों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण व्रत माना जाता है। यह व्रत स्त्रियां अपने पति की दीर्घायु, स्वास्थ्य और सुखमय वैवाहिक जीवन की कामना से करती हैं।
वट सावित्री व्रत विवाहित स्त्रियों द्वारा अपने पति की लंबी उम्र, अच्छे स्वास्थ्य और सुखमय वैवाहिक जीवन की कामना से रखा जाने वाला एक विशेष पर्व है।