माँ का है जगराता,
माँ को आज मनाएंगे,
जय माता दी बोल के,
सब जयकारे लाएंगे ॥
दिन आज खुशी का आया है,
माँ का दरबार सजाया है,
माँ के भक्तों माँ की महिमा,
सबको सुनाएंगे,
जय माता दी बोल के,
सब जयकारे लाएंगे ॥
ये वारे न्यारे करती है,
खुशियों से झोली भारती है,
माँ के दर से भक्त झोलियां,
भर ले जाएंगे,
जय माता दी बोल के,
सब जयकारे लाएंगे ॥
भक्तो ने धूम मचाई है,
नच नच के धूल उड़ाई है,
‘खन्ना’ माँ की महिमा गाके,
माँ को रिझाएंगे,
जय माता दी बोल के,
सब जयकारे लाएंगे ॥
माँ का है जगराता,
माँ को आज मनाएंगे,
जय माता दी बोल के,
सब जयकारे लाएंगे ॥
छठ का त्योहार पूरे देश में धूमधाम से मनाया जाता है। बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश में इस त्योहार का खास महत्व है। छठ का महापर्व छठी माता और सूर्य देव को समर्पित है।
चैत्र शुक्ल पक्ष षष्ठी को मनाए जाने वाले छठ पर्व को 'चैती छठ' और कार्तिक शुक्ल पक्ष षष्ठी को मनाए जाने वाले पर्व को 'कार्तिकी छठ' कहा जाता है। ये पर्व पारिवारिक सुख-समृद्धि और मनोवांछित फल की प्राप्ति के लिए मनाया जाता है।
हिंदू पंचांग के अनुसार, इस साल चैत्र नवरात्रि की शुरुआत 30 मार्च से हो रही है और 6 अप्रैल 2025 को रामनवमी के साथ समाप्त होगी। साथ ही, 7 अप्रैल को नवरात्रि का पारण किया जाएगा।
चैत्र माह में आने वाली छठ को चैती छठ के नाम से जाना जाता है। इस बार चैत्र छठ एक अप्रैल से शुरू होगी, जो तीन अप्रैल को संध्या अर्घ्य और चार अप्रैल को उषा अर्घ्य के साथ गुरुवार को समाप्त होगी।