माँ ऊँचे पर्वत वाली,
करती शेरो की सवारी,
अम्बे माँ,
घर में पधारो मेरी माँ,
अम्बे माँ,
घर में पधारो मेरी माँ ॥
तेरे नाम की ज्योत जली है,
दर्शन को टोली खड़ी है,
अम्बे माँ,
आरती उतारूं मेरी माँ,
अम्बे माँ,
आरती उतारूं मेरी माँ ॥
आँखे दर्शन की है प्यासी,
आजा माता मिटे उदासी,
अम्बे माँ,
चरण पखारूँ मेरी माँ,
अम्बे माँ,
चरण पखारूँ मेरी माँ ॥
हम सब भक्ति भाव ना जाने,
पूजा पाठ नहीं कुछ जाने,
अम्बे माँ,
तेरे ही गुण गाऊं ओ माँ,
अम्बे माँ,
तेरे ही गुण गाऊं ओ माँ ॥
माँ ऊँचे पर्वत वाली,
करती शेरो की सवारी,
अम्बे माँ,
घर में पधारो मेरी माँ,
अम्बे माँ,
घर में पधारो मेरी माँ ॥
म्हारा कीर्तन मे रस बरसाओ,
आओ जी गजानन आओ ॥
मेरी विनती सुनो हनुमान,
शरण तेरी आया हूँ,
म्हारा कुञ्ज बिहारी,
कृष्ण मुरारी,
म्हारा सालासर का बाला,
ओ जी अंजनी माँ का लाला,