नवीनतम लेख
माँ ऊँचे पर्वत वाली,
करती शेरो की सवारी,
अम्बे माँ,
घर में पधारो मेरी माँ,
अम्बे माँ,
घर में पधारो मेरी माँ ॥
तेरे नाम की ज्योत जली है,
दर्शन को टोली खड़ी है,
अम्बे माँ,
आरती उतारूं मेरी माँ,
अम्बे माँ,
आरती उतारूं मेरी माँ ॥
आँखे दर्शन की है प्यासी,
आजा माता मिटे उदासी,
अम्बे माँ,
चरण पखारूँ मेरी माँ,
अम्बे माँ,
चरण पखारूँ मेरी माँ ॥
हम सब भक्ति भाव ना जाने,
पूजा पाठ नहीं कुछ जाने,
अम्बे माँ,
तेरे ही गुण गाऊं ओ माँ,
अम्बे माँ,
तेरे ही गुण गाऊं ओ माँ ॥
माँ ऊँचे पर्वत वाली,
करती शेरो की सवारी,
अम्बे माँ,
घर में पधारो मेरी माँ,
अम्बे माँ,
घर में पधारो मेरी माँ ॥
........................................................................................................'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।