मदन गोपाल शरण तेरी आयो,
चरण कमल की सेवा दीजै,
चेरो करि राखो घर जायो,
मदन गोपाल शरण तेरी आयों ॥
धनि-धनि मात पिता सुत बन्धु,
धनि जननी जिन गोद खिलायो,
मदन गोपाल शरण तेरी आयों ॥
धनि-धनि चरण चलत तीरथ को,
धनि गुरु जिन हरिनाम सुनायो,
मदन गोपाल शरण तेरी आयों ॥
जे नर बिमुख भये गोविन्द सों,
जनम अनेक महा दुःख पायो,
मदन गोपाल शरण तेरी आयों ॥
‘श्री भट्ट’ के प्रभु दियो अभय पद,
यम डरप्यो जब दास कहायो,
मदन गोपाल शरण तेरी आयों ॥
मदन गोपाल शरण तेरी आयो,
चरण कमल की सेवा दीजै,
चेरो करि राखो घर जायो,
मदन गोपाल शरण तेरी आयों ॥
फाल्गुन अमावस्या का दिन अत्यंत शुभ माना जाता है। खासकर पितरों का आशीर्वाद पाने के लिए इस अमावस्या से बेहतर दिन ही नहीं है। इस दिन पितरों की आत्मा की शांति के लिए तर्पण, पिंडदान और श्राद्ध कर्म किए जाते हैं।
हिंदू धर्म में अपना एक कैलेंडर है, जिसके मुताबिक हर 15 दिन में अमावस्या और 15 दिन बाद पूर्णिमा आती है। कुछ ही दिनों बाद 27 फरवरी को फाल्गुन महीने की अमावस्या आने वाली है।
उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में महाकुंभ मेला अपने अंतिम दिनों में है। 144 साल में बने संयोग में स्नान करने के लिए रोजाना लाखों की संख्या में श्रद्धालु संगम पहुंच रहे हैं। इस कारण ट्रेन और बसों में भी बड़ी संख्या में भीड़ देखने मिल रही है।
फाल्गुन अमावस्या का दिन पितृों को समर्पित होता है। इस दिन उनका पिंडदान करना चाहिए। इस दिन से जुड़ी कई कथाएं भी है।