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मदन गोपाल शरण तेरी आयो (Madan Gopal Sharan Teri Aayo)

मदन गोपाल शरण तेरी आयो (Madan Gopal Sharan Teri Aayo)

मदन गोपाल शरण तेरी आयो,

चरण कमल की सेवा दीजै,

चेरो करि राखो घर जायो,

मदन गोपाल शरण तेरी आयों ॥


धनि-धनि मात पिता सुत बन्धु,

धनि जननी जिन गोद खिलायो,

मदन गोपाल शरण तेरी आयों ॥


धनि-धनि चरण चलत तीरथ को,

धनि गुरु जिन हरिनाम सुनायो,

मदन गोपाल शरण तेरी आयों ॥


जे नर बिमुख भये गोविन्द सों,

जनम अनेक महा दुःख पायो,

मदन गोपाल शरण तेरी आयों ॥


‘श्री भट्ट’ के प्रभु दियो अभय पद,

यम डरप्यो जब दास कहायो,

मदन गोपाल शरण तेरी आयों ॥


मदन गोपाल शरण तेरी आयो,

चरण कमल की सेवा दीजै,

चेरो करि राखो घर जायो,

मदन गोपाल शरण तेरी आयों ॥

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चैत्र शुक्ल कामदा नामक एकादशी व्रत-माहात्म्य (Chaitr Shukl Kaamda Naamak Ekaadashee Vrat-Maahaatmy)

इतनी कथा सुन महाराज युधिष्ठिर ने कहा- भगवन्! आपको कोटिशः धन्यवाद है जो आपने हमें ऐसी सर्वोत्तम व्रत की कथा सुनाई।

वैशाख कृष्ण बरूथिनी नाम एकादशी (Veshakh Krishn Barothini Naam Ekadashi)

भगवान् कृष्ण ने कहा- हे पाण्डुनन्दन ! अब मैं तुम्हें बरूथिनी एकादशी व्रत का माहात्म्य सुनाता हूँ सुनिये।

वैशाख शुक्ल पक्ष की मोहिनी नामक एकादशी (Vaishaakh Shukl Paksh Kee Mohinee Naamak Ekaadashee)

भगवान् कृष्ण के मुखरबिन्द से इतनी कथा सुनकर पाण्डुनन्दन महाराज युधिष्ठिर ने उनसे कहा - हे भगवन् ! आपकी अमृतमय वाणी से इस कथा को सुना परन्तु हृदय की जिज्ञासा नष्ट होने के बजाय और भी प्रबल हो गई है।

ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष की अपरा नामक एकादशी (Jyesth Mas Ke Krishna Paksh Ki Apara Namak Ekaadshi)

इतनी कथा सुनने के बाद महाराज युधिष्ठिर ने पुनः भगवान् कृष्ण से हाथ जोड़कर कहा-हे मधुसूदन । अब आप कृपा कर मुझ ज्येष्ठ मास कृष्ण एकादशी का नाम और मोहात्म्य सुनाइये क्योंकि मेरी उसको सुनने की महान् अच्छा है।

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