अब कोई ना सहारा बिन तेरे,
महाकाल गंगाधर मेरे ॥
तूने लाखों पापी तारे है,
नहीं गुण और दोष विचारे है,
मैं भी आन पड़ा दर तेरे,
मैं भी आन पड़ा दर तेरे,
महाकाल गंगाधर मेरे,
अब कोईं न सहारा बिन तेरे,
महाकाल गंगाधर मेरे ॥
विषयो के जाल में फसकर के,
झूठी उल्फत में धंसकर के,
दुःख पाए नाथ घनेरे,
दुःख पाए नाथ घनेरे,
महाकाल गंगाधर मेरे,
अब कोईं न सहारा बिन तेरे,
महाकाल गंगाधर मेरे ॥
तू दीन बंधू हितकारी है,
हम दुखिया शरण तिहारी है,
हम दीन हिन है तेरे,
हम दीन हिन है तेरे,
महाकाल गंगाधर मेरे,
अब कोईं न सहारा बिन तेरे,
महाकाल गंगाधर मेरे ॥
भक्त तेरी शरण में आया है,
आके चरणों में शीश झुकाया है,
काटो जनम मरण के फेरे,
काटो जनम मरण के फेरे,
महाकाल गंगाधर मेरे,
अब कोईं न सहारा बिन तेरे,
महाकाल गंगाधर मेरे ॥
अब कोई ना सहारा बिन तेरे,
महाकाल गंगाधर मेरे ॥
यशोदा जायो ललना,
मैं वेदन में सुन आई,
यशोमती मैया से बोले नंदलाला
राधा क्यों गोरी मैं क्यों काला ॥
यशोमती नन्दन बृजबर नागर,
गोकुल रंजन कान्हा,
वैकुंठ एकादशी 10 से 19 जनवरी 2025 तक मनाई जाएगी। वैकुंठ एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा बहुत ही शुभ और फलदायी मानी जाती है।