महिमा भोलेनाथ की सुनाएंगे (Mahima Bholenath Ki Sunayenge)

जय जय नमामि शंकर,

गिरिजापति नमामि शंकर,

जटा जूट भुजंग भयंकर,

महिमा भोलेनाथ की सुनाएंगे,

जय शिव शम्भू बोल बाबा आएंगे,

शम्भो शम्भो बोल बाबा आएंगे ॥


शिवशंकर कैलाश के वासी,

नाथ सुने सबकी करुणा,

मन की शंका दूर करेगा,

ले बम भोले की शरणा,

सिर पर तेरे हाथ धरेगा,

तेरे सब भण्डार भरेगा,

मन से जो भी ध्यान धरेगा,

कष्ट सभी मिट जायेंगे,

महिमा भोलेनाथ की सुनाएँगे,

जय शिव शम्भू बोल बाबा आएंगे,

महिमा भोलेनाथ की सुनाएँगे,

शम्भो शम्भो बोल बाबा आएंगे ॥


एक दिन दानव सुर सब मिलकर,

क्षीर सिंधु का मथन किया,

चौदह रतन जो निकले शिरोमणि,

एक एक सब बांट लिया,

अमृत धारण देव किये हैं,

विष का संकट खड़ा किये है,

जहर हलाहल पीकर शम्भो,

नीलकण्ठ कहलायेंगे,

महिमा भोलेनाथ की सुनाएँगे,

जय शिव शम्भू बोल बाबा आएंगे,

महिमा भोलेनाथ की सुनाएँगे,

शम्भो शम्भो बोल बाबा आएंगे ॥


अटल भक्ति भस्मासुर किन्ही,

पाकर वर बलवान हुए,

जिसके मत्थे हाथ लगावे,

भस्म करे तन प्राण लिए,

शिव शंकर संग विष्णु मिलकर,

ना सच मानू झूठा शंकर,

धरा शीश पर हाथ दैत्य का,

सर्वनाश करवाएंगे,

महिमा भोलेनाथ की सुनाएँगे,

जय शिव शम्भू बोल बाबा आएंगे,

महिमा भोलेनाथ की सुनाएँगे,

शम्भो शम्भो बोल बाबा आएंगे ॥


जय जय नमामि शंकर,

गिरिजापति नमामि शंकर,

जटा जूट भुजंग भयंकर,

महिमा भोलेनाथ की सुनाएंगे,

जय शिव शम्भू बोल बाबा आएंगे,

शम्भो शम्भो बोल बाबा आएंगे ॥

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आ दरश दिखा दे मेरी माँ (Aa Darsh Dikha De Meri Maa)

आ दरश दिखा दे मेरी माँ,
तुझे तेरे लाल बुलाते है,

जन्मे अवध में राम मंगल गाओ री (Janme Avadh Me Ram Mangal Gao Ri)

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रंगपंचमी के खास उपाय

रंग पंचमी का पर्व हर साल चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस दिन भगवान श्रीकृष्ण और राधा रानी ने होली खेली थी, और देवी-देवता भी होली खेलने के लिए पृथ्वी पर आए थे।

मीन संक्रांति का महत्व

मान्यताओं के अनुसार जब भगवान सूर्य मीन राशि में प्रवेश करते हैं तो मीन संक्रांति मनाई जाती है। यह तिथि फाल्गुन मास की पूर्णिमा तिथि को होती है।

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