मैं हूँ दासी तेरी दातिए,
सुन ले विनती मेरी दातिए,
मैया जब तक जियूं,
मैं सुहागन रहूं,
मुझको इतना तू वरदान दे,
मै हूँ दासी तेरी दातिए,
सुन ले विनती मेरी दातिए ॥
मेरा प्राणो से प्यारा पति,
मुझसे बिछड़े ना रूठे कभी,
माता रानी इसे मेरी आयु लगे,
ये मनोकामना है मेरी,
माँ तेरे लाल की,
माँ तेरे लाल की मैं हूँ अर्धांगिनी,
मै हूँ दासी तेरी दातिए,
सुन ले विनती मेरी दातिए ॥
मै हूँ दासी तेरी दातिए,
सुन ले विनती मेरी दातिए,
मैया जब तक जियूं,
मैं सुहागन रहूं,
मुझको इतना तू वरदान दे,
मै हूँ दासी तेरी दातिए,
सुन ले विनती मेरी दातिए ॥
मैया तू ही मेरी आस है,
मेरा तुझपे ही विश्वास है,
आसरा है तेरा,
मुझपे करना दया,
मेरी तुझसे ये अरदास है,
बिन तेरे प्यार के,
बिन तेरे प्यार के क्या मेरे पास है,
मै हूँ दासी तेरी दातिए,
सुन ले विनती मेरी दातिए ॥
मै हूँ दासी तेरी दातिए,
सुन ले विनती मेरी दातिए,
मैया जब तक जियूं,
मैं सुहागन रहूं,
मुझको इतना तू वरदान दे,
मै हूँ दासी तेरी दातिए,
सुन ले विनती मेरी दातिए ॥
मैं हूँ दासी तेरी दातिए,
सुन ले विनती मेरी दातिए,
मैया जब तक जियूं,
मैं सुहागन रहूं,
मुझको इतना तू वरदान दे,
मै हूँ दासी तेरी दातिए,
सुन ले विनती मेरी दातिए ॥
तिरुमाला में नारियल पानी से होता है भगवान वराह का अभिषेक, वराह जयंती पर जानिए देश के प्रसिद्ध वराह मंदिरों के बारे में….
भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाने वाला ऋषि पंचमी पर्व हमारे जीवन में पवित्रता और ज्ञान का संगम है।
हिंदू धर्म में व्रत रखना एक महत्वपूर्ण परंपरा है। ये हमें अपने जीवन को सुधारने और आध्यात्म से जुड़ने के लिए प्रेरित करती है साथ ही हमारे शरीर का संतुलन भी बना रहता है।
Skanda Sashti 2024: भाद्रपद माह की शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि की शुरुआत 08 सितंबर को रात 07 बजकर 58 मिनट पर होगी। वहीं इस तिथि का समापन 09 सितंबर को रात 09 बजकर 53 मिनट पर होगा। ऐसे में स्कंद षष्ठी का पर्व 09 सितंबर को मनाया जाएगा।