मैं तो अपने श्याम की,
दीवानी बन जाउंगी,
दीवानी बन जाउंगी,
मस्तानी बन जाउंगी,
मैं तो अपने श्याम की,
दिवानी बन जाउंगी ।
जब मेरे श्याम जी को भूख लगेगी,
माखन की मटकी और मिश्री बन जाउंगी,
मैं तो अपने श्याम की दिवानी बन जाउंगी ।
जब मेरे श्याम जी को प्यास लगेगी,
मीठी मीठी दहिया की लस्सी बन जाउंगी,
मैं तो अपने श्याम की दिवानी बन जाउंगी ।
जब मेरे श्याम जी को नींद आएगी,
रेशम की चादर और तकिया बन जाउंगी,
मैं तो अपने श्याम की दिवानी बन जाउंगी ।
‘चित्र विचित्र’ ने शोर मचाया,
मन मोहन के मन की रानी बन जाउंगी,
मैं तो अपने श्याम की दीवानी बन जाउंगी ।
मैं तो अपने श्याम की,
दीवानी बन जाउंगी,
दीवानी बन जाउंगी,
मस्तानी बन जाउंगी,
मैं तो अपने श्याम की,
दिवानी बन जाउंगी ।
कभी राम बनके कभी श्याम बनके,
चले आना प्रभुजी चले आना ॥
हिंदू धर्म में दर्श अमावस्या का दिन अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। यह अमावस्या पितरों की शांति और पूजा-पाठ के लिए समर्पित है।
हिंदू धर्म में दर्श अमावस्या एक महत्वपूर्ण तिथि है, जो पितरों को समर्पित है। इस दिन पितरों की आत्मा की शांति के लिए विशेष पूजा-अर्चना, तर्पण और दान किया जाता है।
कभी तो मेरे घर आना,
मोरी शारदा भवानी,