मैं तो अपने श्याम की,
दीवानी बन जाउंगी,
दीवानी बन जाउंगी,
मस्तानी बन जाउंगी,
मैं तो अपने श्याम की,
दिवानी बन जाउंगी ।
जब मेरे श्याम जी को भूख लगेगी,
माखन की मटकी और मिश्री बन जाउंगी,
मैं तो अपने श्याम की दिवानी बन जाउंगी ।
जब मेरे श्याम जी को प्यास लगेगी,
मीठी मीठी दहिया की लस्सी बन जाउंगी,
मैं तो अपने श्याम की दिवानी बन जाउंगी ।
जब मेरे श्याम जी को नींद आएगी,
रेशम की चादर और तकिया बन जाउंगी,
मैं तो अपने श्याम की दिवानी बन जाउंगी ।
‘चित्र विचित्र’ ने शोर मचाया,
मन मोहन के मन की रानी बन जाउंगी,
मैं तो अपने श्याम की दीवानी बन जाउंगी ।
मैं तो अपने श्याम की,
दीवानी बन जाउंगी,
दीवानी बन जाउंगी,
मस्तानी बन जाउंगी,
मैं तो अपने श्याम की,
दिवानी बन जाउंगी ।
संकष्टी चतुर्थी व्रत जिसे संकट हारा या सकट चौथ के नाम से भी जाना जाता है एक महत्वपूर्ण हिंदू त्योहार है। इसे भगवान गणेश की आराधना और उनकी कृपा प्राप्त करने के लिए मनाया जाता है।
कृष्ण की कृपा प्राप्त करने के लिए मासिक जन्माष्टमी का व्रत बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। यह व्रत न केवल श्रीकृष्ण की कृपा प्राप्त करने में मदद करता है बल्कि यह व्यक्ति के जीवन में सुख-समृद्धि भी लाता है।
प्रयागराज में आयोजित हो रहा महाकुंभ इन दिनों सभी का ध्यान अपनी ओर खींच रहा है। यहां दुनियाभर से लाखों श्रद्धालु गंगा, यमुना और सरस्वती के संगम पर पवित्र स्नान के लिए एकत्रित हुए हैं।
महाकुंभ के अमृत स्नान की शुरुआत हो चुकी है। बता दें कि 13 जनवरी से 26 फरवरी तक यह भव्य महाकुंभ चलेगा। धार्मिक मान्यता है कि 144 सालों बाद इस तरह का शुभ योग इस बार के महाकुंभ में बना है।