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मैं तो अपने श्याम की दीवानी बन जाउंगी - भजन (Main To Apne Shyam Ki Diwani Ban Jaungi)

मैं तो अपने श्याम की दीवानी बन जाउंगी - भजन (Main To Apne Shyam Ki Diwani Ban Jaungi)

मैं तो अपने श्याम की,

दीवानी बन जाउंगी,

दीवानी बन जाउंगी,

मस्तानी बन जाउंगी,

मैं तो अपने श्याम की,

दिवानी बन जाउंगी ।


जब मेरे श्याम जी को भूख लगेगी,

माखन की मटकी और मिश्री बन जाउंगी,

मैं तो अपने श्याम की दिवानी बन जाउंगी ।


जब मेरे श्याम जी को प्यास लगेगी,

मीठी मीठी दहिया की लस्सी बन जाउंगी,

मैं तो अपने श्याम की दिवानी बन जाउंगी ।


जब मेरे श्याम जी को नींद आएगी,

रेशम की चादर और तकिया बन जाउंगी,

मैं तो अपने श्याम की दिवानी बन जाउंगी ।


‘चित्र विचित्र’ ने शोर मचाया,

मन मोहन के मन की रानी बन जाउंगी,

मैं तो अपने श्याम की दीवानी बन जाउंगी ।


मैं तो अपने श्याम की,

दीवानी बन जाउंगी,

दीवानी बन जाउंगी,

मस्तानी बन जाउंगी,

मैं तो अपने श्याम की,

दिवानी बन जाउंगी ।

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कभी राम बनके, कभी श्याम बनके (Kabhi Ram Banake Kabhi Shyam Banake)

कभी राम बनके कभी श्याम बनके,
चले आना प्रभुजी चले आना ॥

दर्श अमावस्या क्यों मनाई जाती है?

हिंदू धर्म में दर्श अमावस्या का दिन अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। यह अमावस्या पितरों की शांति और पूजा-पाठ के लिए समर्पित है।

दर्श अमावस्या के उपाय क्या हैं?

हिंदू धर्म में दर्श अमावस्या एक महत्वपूर्ण तिथि है, जो पितरों को समर्पित है। इस दिन पितरों की आत्मा की शांति के लिए विशेष पूजा-अर्चना, तर्पण और दान किया जाता है।

कभी तो मेरे घर आना, मोरी शारदा भवानी (Kabhi To Mere Ghar Aana Mori Sharda Bhawani)

कभी तो मेरे घर आना,
मोरी शारदा भवानी,

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