मैं तो बन के दुल्हन आज सजी: भजन (Main To Banke Dulhan Aaj Saji)

श्यामा आन बसो वृंदावन में,

मेरी उमर बीत गई गोकुल में,

मैं तो बन के दुल्हन आज सजी,

बस तुम ही हो मेरे तन मन में,

श्यामा आन बसो वृंदावन में,

मेरी उमर बीत गई गोकुल में ॥


मैं दर दर तुझको खोज रही,

हाँ पल पल तुझको सोच रही,

तेरी प्रीत में जीवन अर्पण है,

मेरी भक्ति का तू दर्पण है,

श्यामा आन बसो वृंदावन में,

मेरी उमर बीत गई गोकुल में ॥


जब मधुर मुरलिया बाजेगी,

अधरों पर खुशियाँ साजेगी,

तेरी छवि जो निहारूँ अंतस में,

तेरा वास दिखे मुझे कण कण में,

श्यामा आन बसो वृंदावन में,

मेरी उमर बीत गई गोकुल में ॥


श्यामा रास रचाने आओ ना,

प्रभु नटखट लीला दिखाओ ना,

‘स्वस्ति’ नाम जपे श्यामा श्यामा,

मिले सबको पनाह तेरे चरणन में,

श्यामा आन बसो वृंदावन में,

मेरी उमर बीत गई गोकुल में ॥


श्यामा आन बसो वृंदावन में,

मेरी उमर बीत गई गोकुल में,

मैं तो बन के दुल्हन आज सजी,

बस तुम ही हो मेरे तन मन में,

श्यामा आन बसो वृंदावन में,

मेरी उमर बीत गई गोकुल में ॥

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मेरे संग संग चलती(Mere Sang Sang Chalti)

संकट में झुँझन वाली की,
सकलाई देखि है,

षटतिला एकादशी के मंत्र

25 जनवरी 2025 को षटतिला एकादशी का व्रत है। इस दिन तिल का काफी महत्व होता है। षटतिला एकादशी के दिन तिल का छह तरीकों से प्रयोग किया जाता है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा में भी विशेष रूप से तिल का इस्तेमाल किया जाता है।

ऐसो रास रच्यो वृन्दावन (Aiso Ras Racho Vrindavan)

ऐसो रास रच्यो वृन्दावन,
है रही पायल की झंकार ॥

अपने प्रेमी को मेरे बाबा, इतना भी मजबूर ना कर (Apne Premi Ko Mere Baba Itna Bhi Majboor Na Kar)

अपने प्रेमी को मेरे बाबा,
इतना भी मजबूर ना कर,

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