Logo

मैया आरासुरी करजो आशा पूरी (Maiya Aarasuri Kar Jo Aasha Puri)

मैया आरासुरी करजो आशा पूरी (Maiya Aarasuri Kar Jo Aasha Puri)

मैया आरासुरी करजो आशा पूरी म्हारी अम्बे,

हूँ तो विनती करूँ जगदम्बे,

मैया दुःख हरो मैया कष्ट हरो म्हारी अम्बे,

हूँ तो विनती करूँ जगदम्बे ॥


मैं हूँ दास तेरा सुन अरदास मेरी म्हारी अम्बे,

हूँ तो विनती करूँ जगदम्बे,

मैया रोग हरो मैया झोली भरो म्हारी अम्बे,

हूँ तो विनती करूँ जगदम्बे ॥


मैया रक्षा करो मैया क्लेश हरो म्हारी अम्बे,

हूँ तो विनती करूँ जगदम्बे,

आये शरण तेरी रखजो लाज म्हारी मोरी अम्बे,

हूँ तो विनती करूँ जगदम्बे,

मैं हूँ बालक तेरा तू है माता मेरी म्हारी अम्बे,

हूँ तो विनती करूँ जगदम्बे,

भक्ति तेरी करें नित नित नाम जपे म्हारी अम्बे,

हूँ तो विनती करूँ जगदम्बे ॥


उसकी विपदा मिटे नाम और यश भी मिले म्हारी अम्बे,

हूँ तो विनती करूँ जगदम्बे,

है ये आस मेरी करनी तुझको पूरी म्हारी अम्बे,

हूँ तो विनती करूँ जगदम्बे,

मैया आओ तो सरि म्हारा घर आओ तो सरि म्हारी अम्बे,

हूँ तो विनती करूँ जगदम्बे,

जो है रूखा सूखा मैया भोग लगा म्हारी अम्बे,

हूँ तो विनती करूँ जगदम्बे ॥


मैया कृपा करें भक्त तेरे खड़े म्हारी अम्बे,

हूँ तो विनती करूँ जगदम्बे,

मैया भक्त खड़े तेरे द्वार खड़े मैया अम्बे,

हूँ तो विनती करूँ जगदम्बे,

मेरा परिवार तू माँ मेरा संसार है तू मेरी अम्बे,

हूँ तो विनती करूँ जगदम्बे,

है अरदास ये ही रक्षा मिलती रहे मोरी अम्बे,

हूँ तो विनती करूँ जगदम्बे ॥


विनती करे हाथ जोड़ द्वार खड़े मेरी अम्बे,

हूँ तो विनती करूँ जगदम्बे,

मैया करुणामई मैया ममतामई म्हारी अम्बे,

हूँ तो विनती करूँ जगदम्बे,

मैया आरासुरी करजो आशा पूरी म्हारी अम्बे,

हूँ तो विनती करूँ जगदम्बे ॥

........................................................................................................
शनि का गोचर

शनिदेव 29 मार्च 2025 को देर रात 11 बजकर 01 मिनट पर कुंभ राशि से निकलकर मीन राशि में गोचर करेंगे। इस राशि में शनिदेव ढाई साल तक रहेंगे।

राहु गोचर 2025

राहु को छाया ग्रह माना जाता है। राहु अपने सहचर के अनुसार फल प्रदान करता है। यानी अगर राहु शुभ ग्रह अथवा राशि में है तो वह अच्छे परिणाम देगा। परंतु अगर वह अशुभ ग्रह के साथ है तो वह अशुभ परिणाम देगा।

केतु गोचर 2025

केतु फिलहाल कन्या राशि में हैं। नए साल यानी 2025 में केतू पीछे हटकर सिंह राशि में पहुंच जाएंगे। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, केतु एक छाया ग्रह है और यह हमेशा विपरीत यानी उल्टी चाल में चलते हैं।

ब्रह्मा जी की क्यों नहीं की जाती है उपासना?

हिंदू धर्म में ब्रह्मा, विष्णु और महेश को त्रिमूर्ति माना जाता है। ये तीनों देवता सृष्टि के रचनाकार, पालनकर्ता और संहारक हैं। विष्णु और महेश की पूजा तो हर जगह होती है, लेकिन ब्रह्मा जी की पूजा क्यों नहीं होती, यह सवाल अक्सर लोगों के मन में उठता है।

यह भी जाने

संबंधित लेख

HomeAartiAartiTempleTempleKundliKundliPanchangPanchang