लग जाएगी लगन धीरे धीरे,
मैया जी से होगा मिलन धीरे धीरे,
मईया जी से होगा मिलन धीरे धीरें ॥
करले भरोसा मैया पे प्यारे,
छोड़ दे झूठे जग के सहारे,
जुड़ जाएगा ये मन धीरे धीरे,
जुड़ जाएगा ये मन धीरे धीरे,
मईया जी से होगा मिलन धीरे धीरें ॥
ज्ञानू सरिका करले समर्पण,
चरणों में कर दे खुद को तू अर्पण,
धड़क उठेगी अगन धीरे धीरे,
धड़क उठेगी अगन धीरे धीरे,
मईया जी से होगा मिलन धीरे धीरें ॥
दिल को लगा ले चरणों में प्यारे,
‘हर्ष’ रहेगी संग ये तुम्हारे,
महसूस होगीं छुअन धीरे धीरे,
महसूस होगीं छुअन धीरे धीरे,
मईया जी से होगा मिलन धीरे धीरें ॥
लग जाएगी लगन धीरे धीरे,
मैया जी से होगा मिलन धीरे धीरे,
मईया जी से होगा मिलन धीरे धीरें ॥
हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत का विशेष महत्व है, जो भगवान शिव और माता पार्वती को समर्पित होता है। यह व्रत सभी पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है।
हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत का अत्यंत महत्व है। यह व्रत भगवान शिव और माता पार्वती की आराधना के लिए एक विशेष दिन माना जाता है, जो हर महीने दोनों पक्षों की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है।
हिंदू पंचांग के अनुसार, वैशाख मास का शुक्र प्रदोष व्रत 2025 में एक अत्यंत शुभ योग लेकर आ रहा है। यह व्रत भगवान शिव और माता पार्वती को समर्पित होता हैI
हिंदू धर्म में एकादशी का बहुत महत्व है। मोहिनी एकादशी को विशेष रूप से भगवान विष्णु की प्रिय एकादशी माना जाता है। यह एकादशी वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की होती है। इस दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की विधि विधान से पूजा करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है।