मैया री एक भाई दे दे दे दे,
ना तो मैं मर जांगी,
मेरे दर्द की दवाई दे दे दे दे,
ना तो मैं मर जांगी,
मईया री एक भाई दे दे दे दे,
ना तो मैं मर जांगी ॥
मेरी क्या है खता,
नहीं मुझको पता,
भाई क्यों नहीं मेरे,
मैया ये तो बता,
बस मुझको ये सफाई दे दे दे दे,
ना तो मैं मर जांगी,
मईया री एक भाई दे दे दे दे,
ना तो मैं मर जांगी ॥
मेरे होता जो वीर,
ना बरसता ये नीर,
ऐसी खोटी लिखी है,
क्यों मेरी तकदीर,
राखी को एक कलाई दे दे दे दे,
ना तो मैं मर जांगी,
मईया री एक भाई दे दे दे दे,
ना तो मैं मर जांगी ॥
भाई बिन कैसा प्यार,
कैसा राखी का त्यौहार,
कहे ‘सिंहपुरिया’ मेरी भी,
सुन लो पुकार,
बहना को एक सहाई दे दे दे दे,
ना तो मैं मर जांगी,
मईया री एक भाई दे दे दे दे,
ना तो मैं मर जांगी ॥
मैया री एक भाई दे दे दे दे,
ना तो मैं मर जांगी,
मेरे दर्द की दवाई दे दे दे दे,
ना तो मैं मर जांगी,
मईया री एक भाई दे दे दे दे,
ना तो मैं मर जांगी ॥
सनातन हिंदू धर्म में, यशोदा जयंती, माता यशोदा के जन्मदिन के रूप में मनाई जाती है। माता यशोदा को भगवान श्रीकृष्ण की माता के रूप में माना जाता है।
हिंदू धर्म में यशोदा जयंती बहुत खास मानी जाती है। यशोदा जयंती का त्योहार भगवान श्रीकृष्ण की मां यशोदा के जन्म दिवस के रूप में मनाया जाता है। भगवान श्रीकृष्ण ने भले ही माता देवकी के गर्भ से जन्म लिया था परंतु उनका पालन-पोषण माता यशोदा ने ही किया था।
यशोदा जयंती भगवान कृष्ण के मंदिरों के साथ ही दुनियाभर में फैले इस्कॉन में भी काफी उत्साह के साथ मनाया जाता है। इस पर्व को गोकुल में भी धूमधाम से मनाया जाता है।
धनतेरस का नाम धन और तेरस ये दो शब्दों से बना है जिसमें धन का मतलब संपत्ति और समृद्धि है और तेरस का अर्थ है पंचांग की तेरहवीं तिथि। यह त्योहार खुशहाली, सुख और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है।