Logo

मैया तेरे भक्तों को, तेरा ही सहारा है (Maiya Tere Bhakto Ko Tera Hi Sahara Hai)

मैया तेरे भक्तों को, तेरा ही सहारा है (Maiya Tere Bhakto Ko Tera Hi Sahara Hai)

मैया तेरे भक्तों को,

तेरा ही सहारा है,

तेरे बिना इस जग में,

कोई ना हमारा है,

मैया तेरे भक्तो को,

तेरा ही सहारा है ॥


ऊँचे ऊँचे पर्वत पे,

मैया तेरा ठिकाना है,

दर्शन को मैया जी,

आए सारा ज़माना है,

मैया तेरे दर्शन से,

मिट जाए दुःख सारा है,

मैया तेरे भक्तो को,

तेरा ही सहारा है ॥


द्वार मेरी मैया का,

सारे जग से निराला है,

दुखियारा जो भी हो,

उसे पल में संभाला है,

मैया तेरी किरपा से,

मेरा चलता गुजारा है,

मैया तेरे भक्तो को,

तेरा ही सहारा है ॥


मतलब के लोग यहाँ,

सब मतलब के रिश्ते है,

सुख के सब साथी,

मुश्किल में ना दीखते है,

इस झूठी दुनिया में,

सच्चा प्यार तुम्हारा है,

मैया तेरे भक्तो को,

तेरा ही सहारा है ॥


जब कोई विपदा पड़ी,

मैया एक पल में आई है,

‘शिबू’ और ‘टोनी’ की,

तूने बिगड़ी बनाई है,

अब तो तेरे बिना,

हमें कुछ ना गवारा है,

मैया तेरे भक्तो को,

तेरा ही सहारा है ॥


मैया तेरे भक्तों को,

तेरा ही सहारा है,

तेरे बिना इस जग में,

कोई ना हमारा है,

मैया तेरे भक्तो को,

तेरा ही सहारा है ॥

........................................................................................................
मार्गशीर्ष मास की पूर्णिमा के दिन करें ये विशेष उपाय

हिंदू धर्म में पूर्णिमा तिथि का विशेष महत्व है। मार्गशीर्ष महीने को भगवान श्रीकृष्ण का प्रिय महीना माना गया है। ऐसे में इस माह में पड़ने वाली पूर्णिमा का महत्व कई गुना अधिक है। इसे मार्गशीर्ष पूर्णिमा कहा जाता है, जो इस साल 15 दिसंबर को है।

अखुरथ संकष्टी चतुर्थी स्त्रोत

पौष माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को अखुरथ संकष्टी चतुर्थी का पर्व मनाया जाता है। इस दिन भगवान गणेश की पूजा की जाती है।

अखुरथ संकष्टी चतुर्थी के यम-नियम

हर साल पौष महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि अखुरथ संकष्टी चतुर्थी होती है। हिंदू धर्म में संकष्टी चतुर्थी काफ़ी महत्वपूर्ण मानी जाती है।

संकष्टी चतुर्थी पर गणेश जी की पूजा विधि

साल 2024 की आखिरी संकष्टी चतुर्थी पर भगवान गणेश का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए लाखों भक्त पुरे विधि-विधान से पूजा अर्चना करते हैं।

यह भी जाने

संबंधित लेख

HomeAartiAartiTempleTempleKundliKundliPanchangPanchang