मैया तेरे चरणों की,
अम्बे तेरे चरणों की,
गर धूल जो मिल जाए,
सच कहती हूँ मैया,
तक़दीर बदल जाए,
मैया तेरे चरणो की ॥
सुनते है तेरी रहमत,
दिन रात बरसती है,
इक बूंद दया की जो,
इक बूंद दया की जो,
मुझ पे भी बरस जाए,
सच कहती हूँ मैया,
तक़दीर बदल जाए,
मैया तेरे चरणो की ॥
जीवन के भवर में माँ,
इस तरह से उलझी हूँ,
तू हाथ बढ़ा दे तो,
तू हाथ बढ़ा दे तो,
भव सागर तर जाए,
सच कहती हूँ मैया,
तक़दीर बदल जाए,
मैया तेरे चरणो की ॥
इस मानव जीवन की,
बस एक तमन्ना है,
तू सामने हो मेरे,
तू सामने हो मेरे,
बस दम ये निकल जाए,
सच कहती हूँ मैया,
तक़दीर बदल जाए,
मैया तेरे चरणो की ॥
मैया तेरे चरणों की,
अम्बे तेरे चरणों की,
गर धूल जो मिल जाए,
सच कहती हूँ मैया,
तक़दीर बदल जाए,
मैया तेरे चरणो की ॥
साँची ज्योतो वाली माता,
तेरी जय जय कार ।
गुड़ी पड़वा हिंदू धर्म में एक विशेष स्थान रखता है। ऐसा माना जाता है कि गुड़ी को घर पर फहराने से घर से नकारात्मक शक्तियां दूर हो जाती हैं और जीवन में सौभाग्य और समृद्धि आती है।
अयि गिरिनन्दिनि नन्दितमेदिनि विश्वविनोदिनि नन्दिनुते
गिरिवरविन्ध्यशिरोऽधिनिवासिनि विष्णुविलासिनि जिष्णुनुते ।
प्रथम पुष्पांजली मंत्र
ॐ जयन्ती, मङ्गला, काली, भद्रकाली, कपालिनी ।
दुर्गा, शिवा, क्षमा, धात्री, स्वाहा, स्वधा नमोऽस्तु ते॥
एष सचन्दन गन्ध पुष्प बिल्व पत्राञ्जली ॐ ह्रीं दुर्गायै नमः॥
Pratham Puspanjali Mantra
om jayanti, mangla, kali, bhadrakali, kapalini .
durga, shiva, kshama, dhatri, svahaa, svadha namo̕stu te॥
esh sachandan gandh pusp bilva patranjali om hrim durgaye namah॥