मईया ये जीवन हमारा,
आपके चरणों में है,
दिन दुखियो का गुज़ारा,
आपके चरणों में है,
मैया ये जीवन हमारा,
आपके चरणों में है ॥
आपकी रहमत से मिलती,
इज़्ज़त की दो रोटियाँ,
आपकी रहमत से मिलती,
इज़्ज़त की दो रोटियाँ,
हम ग़रीबो का गुज़ारा,
आपके चरणों में है,
मैया ये जीवन हमारा,
आपके चरणों में है ॥
क्या मुक़द्दर का भरोसा,
साथ दे या ना भी दे,
क्या मुक़द्दर का भरोसा,
साथ दे या ना भी दे,
मेरी किस्मत का सितारा,
आपके चरणों में है,
मैया ये जीवन हमारा,
आपके चरणों में है ॥
मैं भला चिंता करूँ क्यूँ,
है भरोसा आप पर,
मैं भला चिंता करूँ क्यूँ,
है भरोसा आप पर,
मेरा ये परिवार सारा,
आपके चरणों में है,
मैया ये जीवन हमारा,
आपके चरणों में है ॥
ये जहा तो है भिखारी,
माँ के दर पे मांग ले,
ये जहा तो है भिखारी,
माँ के दर पे मांग ले,
जन्नत और मुक्ति का द्वारा,
आपके चरणों में है,
मैया ये जीवन हमारा,
आपके चरणों में है ॥
मईया ये जीवन हमारा,
आपके चरणों में है,
दिन दुखियो का गुज़ारा,
आपके चरणों में है,
मैया ये जीवन हमारा,
आपके चरणों में है ॥
हिंदू पंचांग के अनुसार, अक्षय तृतीया हर साल वैशाख शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाई जाती है और इस दिन को बिना पंचांग देखे कोई भी नया कार्य शुरू करने के लिए उपयुक्त माना जाता है।
हिंदू पंचांग के अनुसार, अक्षय तृतीया का पर्व वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है। यह दिन न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से अत्यंत शुभ माना जाता हैI
अक्षय तृतीया वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाई जाती है। यह तिथि स्वयं में ही अबूझ मानी जाती है, अर्थात् इस दिन किसी भी शुभ कार्य को बिना मुहूर्त के किया जा सकता है।
भारत में मनाए जाने वाले त्योहार जीवन को अध्यात्म, आस्था और संस्कारों से जोड़ते हैं। इन्हीं में से एक महत्वपूर्ण पर्व है अक्षय तृतीया, जिसे ‘आखा तीज’ भी कहा जाता है।