ममतामयी मां हे जगदम्बे, मेरे घर भी आ जाओ।
(ममतामयी मां हे जगदम्बे, मेरे घर भी आ जाओ।)
भाग्य उदय हो जाएं हमारे, अपने दरस दिखा जाओ।
(ममतामयी मां हे जगदम्बे, मेरे घर भी आ जाओ।)
देर करो न आज भवानी, सफल करो माता जिंदगानी।
देर करो न आज भवानी, सफल करो माता जिंदगानी।
मेरे मन को निर्मल कर दो, भक्ति भाव जगा जाओ।
(ममतामयी मां हे जगदम्बे, मेरे घर भी आ जाओ।)
तरस रहे हैं नैन हमारे, बाठ निहारत सांझ सकारे।
तरस रहे हैं नैन हमारे, बाठ निहारत सांझ सकारे।
दीप द्वारे रख में बैठी, अपने ज्योत जला जाओ।
(ममतामयी मां हे जगदम्बे, मेरे घर भी आ जाओ।)
ये बेनाम शरण तेरी आई, हम पर भी मां हो करुणाई।
ये बेनाम शरण तेरी आई, हम पर भी मां हो करुणाई।
आँगन बिन माता लगे सूना, अमृत रस बरसा जाओ।
(ममतामयी मां हे जगदम्बे, मेरे घर भी आ जाओ।)
ममतामयी मां हे जगदम्बे, मेरे घर भी आ जाओ।
(ममतामयी मां हे जगदम्बे, मेरे घर भी आ जाओ।)
भाग्य उदय हो जाएं हमारे, अपने दरस दिखा जाओ।
आपने अक्सर सुना होगा कि ग्रहण के दौरान खाना अशुभ होता है और लोग तुलसी के पत्ते का उपयोग क्यों करते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, ग्रहण एक अशुभ घटना मानी जाती है। इस दौरान भोजन करने से व्यक्ति के किए गए सभी पुण्य नष्ट हो जाते हैं।
हिंदू धर्म में ब्रह्म मुहूर्त को एक अत्यंत पवित्र और शुभ समय माना जाता है। हमारे ऋषि-मुनियों ने ब्रह्म मुहूर्त में उठने को अत्यंत लाभकारी बताया है। धार्मिक ग्रंथों और वेदों में भी इस समय का विशेष महत्व बताया गया है।
हिंदू धर्म में सूर्य को ग्रहों का राजा माना जाता है। 2025 की शुरुआत में सूर्यदेव मकर राशि में प्रवेश करेंगे। सूर्य के मकर राशि में जाने से कई राशि प्रभावित होंगे। सूर्य का मकर गोचर 14 जनवरी 2025 को सुबह 09 बजकर 03 मिनट पर होगा।
2025 में विभिन्न ग्रह अपनी राशि परिवर्तन करेंगे। इसमें गुरु का भी गोचर होगा। वैदिक ज्योतिष शास्त्र में देवताओं के गुरु बृहस्पति सभी ग्रहों में सबसे खास और असरकारक ग्रह माने जाते हैं।