मन की तरंग मार लो, बस हो गया भजन।
आदत बुरी संवार लो, बस हो गया भजन॥
आये हो तुम कहाँ से, जाओगे तुम कहाँ।
इतना ही विचार लो, बस हो गया भजन॥
कोई तुम्हे बुरा कहे, तुम सुन कर क्षमा करो।
वाणी का स्वर संभाल लो, बस हो गया भजन॥
नेकी सभी के साथ में बन जाए तो करो।
मत सर बंदी का हर लो, बस हो गया भजन॥
नजरो में तेरी दोष है, दुनिया निहारते।
समता का अंजन ढाल लो, बस हो गया भजन॥
यह महल माडिया ना तेरे साथ जायेगी।
सतगुरु की महिमा जान लो, बस हो गया भजन॥
अनमोल ब्रह्मानंद जो चाहिए सदा।
घट घट में राम निहार लो, बस हो गया भजन॥
मन की तरंग मार लो, बस हो गया भजन।
आदत बुरी संवार लो, बस हो गया भजन॥
पंचांग के अनुसार फाल्गुना माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि है। वहीं आज गुरुवार का दिन है। इस तिथि पर शतभिषा नक्षत्र और सिद्ध और शिव योग का संयोग बन रहा है।
पंचांग के अनुसार फाल्गुना माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि है। वहीं आज शुक्रवार का दिन है। इस तिथि पर शतभिषा नक्षत्र और सिद्ध योग का संयोग बन रहा है।
पंचांग के अनुसार फाल्गुना माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि है। वहीं आज शनिवार का दिन है। इस तिथि पर पूर्वभाद्रपदा नक्षत्र और साध्य योग के साथ सिद्ध योग का संयोग बन रहा है।
पंचांग के अनुसार फाल्गुना माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि है। वहीं आज रविवार का दिन है। इस तिथि पर उत्तरभाद्रपदा नक्षत्र और शुभ के साथ-साथ शुक्ल योग का संयोग बन रहा है।