मंगल को जन्मे, मंगल ही करते(Mangal Ko Janme Mangal Hi Karte)

मंगल को जन्मे,

मंगल ही करते,

मंगलमय भगवान,

जय हनुमान, जय हनुमान,

जय हनुमान, जय जय हनुमान ॥


मंगल को जन्में,

मंगल ही करते,

मंगलमय भगवान,

जय हनुमान, जय हनुमान,

जय हनुमान, जय जय हनुमान ॥


कोई तुम्हारे अतुलित बल का,

कर ना सका अनुमान,

नहीं तुमसा कोई चतुर कपीश्वर,

नहीं तुमसा बलवान,

जय हनुमान, जय हनुमान,

जय हनुमान, जय जय हनुमान ॥


मंगल को जन्में,

मंगल ही करते,

मंगलमय भगवान,

जय हनुमान, जय हनुमान,

जय हनुमान, जय जय हनुमान ॥


लाल देह लाली लसे,

अरू धरि लाल लँगूर,

बज्र देह दानव दलन,

जय जय जय कपि सूर ॥


मस्तक मणि से दिनमणि लाजे,

अतिशय कुण्डल कानन राजे,

लाल लाल बाना तन साजे,

पूर्ण समर्पित रघुवर काजे,

संकट मोचन देव तुम्हारे,

राजीव लोचन प्राण,

जय हनुमान, जय हनुमान,

जय हनुमान, जय जय हनुमान ॥


मंगल को जन्मे,

मंगल ही करते,

मंगलमय भगवान,

जय हनुमान, जय हनुमान,

जय हनुमान, जय जय हनुमान ॥

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गोविंद चले चरावन धेनु(Govind Chale Charaavan Dhenu)

गोविंद चले चरावन धेनु
गृह गृह तें लरिका सब टेरे

जब जब हम दादी का, मंगल पाठ करते हैं(Jab Jab Hum Dadiji Ka Mangalpath Karte Hai)

जब जब हम दादी का,
मंगल पाठ करते हैं,

मां सरस्वती पूजा विधि

माँ सरस्वती जो ज्ञान, संगीत, कला और शिक्षा की महादेवी मानी जाती हैं। इनकी पूजा विशेष रूप से माघ शुक्ल पंचमी यानी बसंत पंचमी के दिन की जाती है।

वर दे, वीणा वादिनि वर दे: सरस्वती वंदना (Var De Veena Vadini Var De: Saraswati Vandana)

वर दे, वीणावादिनि वर दे ।
प्रिय स्वतंत्र रव, अमृत मंत्र नव

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