मस्त महीना फागण का खुशियों का आलम छाया: भजन (Mast Mahina Fagan Ka Khushiyo Ka Aalam Chaya)

मस्त महीना फागण का,

खुशियों का आलम छाया,

चालो चालो खाटू धाम,

मेला फागण का है आया ॥


रंग गुलाल अबीर लाया,

लाया भर पिचकारी,

होली खेलूंगा मैं तो,

तेरे संग श्याम बिहारी,

आज ना छोड़ूँ तुझको बाबा,

रंग दूँ तेरी काया,

चालो चालो खाटू धाम,

मेला फागण का है आया ॥


धूम मची है खाटू में और,

सज रहा दरबार,

जिसके संग हो सांवरिया,

उसका हर दिन त्यौहार,

कलयुग का ये देव निराला,

सबके मन को भाया,

चालो चालो खाटू धाम,

मेला फागण का है आया ॥


कहता ‘मोन्टु’ तुझसे बाबा,

कर दो ये इंतेज़ाम,

हर फागण पे आऊं बाबा,

मैं तो खाटू धाम,

‘जीतू’ की भी सुनले बाबा,

तुझसे कहने आया,

चालो चालो खाटू धाम,

मेला फागण का है आया ॥


मस्त महीना फागण का,

खुशियों का आलम छाया,

चालो चालो खाटू धाम,

मेला फागण का है आया ॥

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आज सभा में स्वागत है,

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सनातन हिंदू धर्म में, हर महीने मां दुर्गा के निमित्त मासिक दुर्गाष्टमी का व्रत और पूजन किया जाता है। धार्मिक मान्यता है कि इस दिन मां दुर्गा का व्रत करने से मां की विशेष कृपा प्राप्त होती है और भक्तों की सभी मनोकामनाएं भी पूर्ण होती हैं।

राम सिया राम, सिया राम जय जय राम (Ram Siya Ram Siya Ram Jai Jai Ram)

राम सिया राम सिया राम,
जय जय राम,

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