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मस्त महीना फागण का खुशियों का आलम छाया: भजन (Mast Mahina Fagan Ka Khushiyo Ka Aalam Chaya)

मस्त महीना फागण का खुशियों का आलम छाया: भजन (Mast Mahina Fagan Ka Khushiyo Ka Aalam Chaya)

मस्त महीना फागण का,

खुशियों का आलम छाया,

चालो चालो खाटू धाम,

मेला फागण का है आया ॥


रंग गुलाल अबीर लाया,

लाया भर पिचकारी,

होली खेलूंगा मैं तो,

तेरे संग श्याम बिहारी,

आज ना छोड़ूँ तुझको बाबा,

रंग दूँ तेरी काया,

चालो चालो खाटू धाम,

मेला फागण का है आया ॥


धूम मची है खाटू में और,

सज रहा दरबार,

जिसके संग हो सांवरिया,

उसका हर दिन त्यौहार,

कलयुग का ये देव निराला,

सबके मन को भाया,

चालो चालो खाटू धाम,

मेला फागण का है आया ॥


कहता ‘मोन्टु’ तुझसे बाबा,

कर दो ये इंतेज़ाम,

हर फागण पे आऊं बाबा,

मैं तो खाटू धाम,

‘जीतू’ की भी सुनले बाबा,

तुझसे कहने आया,

चालो चालो खाटू धाम,

मेला फागण का है आया ॥


मस्त महीना फागण का,

खुशियों का आलम छाया,

चालो चालो खाटू धाम,

मेला फागण का है आया ॥

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शनि प्रदोष व्रत उपाय

सनातन धर्म में प्रदोष व्रत का विशेष महत्व है। यह व्रत भगवान शिव और शनिदेव के आराधना के लिए समर्पित होता है। शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को आने वाले इस व्रत में शिवलिंग की पूजा करना अत्यंत शुभ माना जाता है।

शनि प्रदोष व्रत मुहूर्त और तारीख

सनातन हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत का विशेष महत्व है। बता दें कि प्रदोष व्रत महीने में दो बार आता है। पर प्रदोष व्रत शनिवार के दिन पड़ने पर उसे शनि त्रयोदशी के नाम से जाना जाता है।

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शुक्रदेव की पूजा कैसे करें?

हिंदू धर्म में शुक्र देवता को भौतिक सुख-सुविधाओं का देवता कहा जाता है। इतना ही नहीं, शुक्रदेव को सौंदर्य और आकर्षण का देवता भी माना जाता है। लोग उनकी कृपा पाने के लिए पूजा करते हैं ताकि वे सुंदर और आकर्षक बन सकें।

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