माता रानी ने कृपा बरसाई - भजन (Mata Rani Ne Kripa Barsayi)

माता रानी ने कृपा बरसाई

मेरी हर गल पूरी हुंडी आई

माता रानी ने कीती सुनवायी

मेरी हर गल पूरी हुंडी आई


ओने मेरे सारे रह खोल

मेरे सारे रुक्के कम शुद्ध होए

मेरी माया मेरी,

मेरी माया मेरी शुद्ध लेन आई

मेरी हर गल पूरी हुंडी आई


माता रानी आपे दौड़ी दौड़ी आई

एक हर खुशी मेरी झोली पाई

मेरी अम्बे ने,

मेरी अम्बे ने कीट्टी सुनवायी

मेरी हर गल पुरी हुनिद आई


अज मेरी मईया मेरे कर आई

कुशियां दे सागर विच दुबकी लगायी

मेरी दत्ती ने,

मेरी दत्ती ने कीति सुनवायी

मेरी हर गल पूरी हुंडी आई

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गजेंद्र मोक्ष स्तोत्र (Gajendr Moksh Stotr )

एवं व्यवसितो बुद्ध्या समाधाय मनो हृदि।

श्री झूलेलाल चालीसा (Shri Jhulelal Chalisa)

जय जय जल देवता,जय ज्योति स्वरूप ।
अमर उडेरो लाल जय,झुलेलाल अनूप ॥

आना मदन गोपाल, हमारे घर कीर्तन में (Aana Madan Gopal, Hamare Ghar Kirtan Me)

आना मदन गोपाल,
हमारे घर कीर्तन में,

तेरी तुलना किससे करूं माँ(Teri Tulna Kisse Karu Maa)

तेरी तुलना किससे करूँ माँ,
तेरी तुलना किससे करूं माँ,

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