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मेरा बजरंगी हनुमान, बड़ा ही अलबेला है (Mera Bajrangi Hanuman Bada Albela Hai)

मेरा बजरंगी हनुमान, बड़ा ही अलबेला है (Mera Bajrangi Hanuman Bada Albela Hai)

मेरा बजरंगी हनुमान,

बड़ा ही अलबेला है,

बड़ा अलबेला है,

बड़ा ही अलबेला है,

चाहे कितना बड़ा हो काम,

वो करता अकेला है,

मेरा बजरँगी हनुमान,

बड़ा ही अलबेला है ॥


भीर पड़ी जब राम पे भारी,

रावण ने हर ली सिया महतारी,

लाए खोज सिया की,

राम का मिटाया झमेला है,

मेरा बजरँगी हनुमान,

बड़ा ही अलबेला है ॥


अशोक वाटिका में वो ललकारा,

रावण के सैनिकों को भी मारा,

किसी से भी एक भी वार,

गया ना झेला है,

मेरा बजरँगी हनुमान,

बड़ा ही अलबेला है ॥


लक्ष्मण को जब मूर्छा आई,

विकल हो गए तब रघुराई,

लाए संजीवनी का पर्वत,

उठा के अकेला है,

मेरा बजरँगी हनुमान,

बड़ा ही अलबेला है ॥


कहे ‘श्याम’ राम का है वह दीवाना,

सिया जी ने इसे पुत्र ही माना,

सियाराम बसें जिस मन में,

वो भी नवेला है,

मेरा बजरँगी हनुमान,

बड़ा ही अलबेला है ॥


मेरा बजरंगी हनुमान,

बड़ा ही अलबेला है,

बड़ा अलबेला है,

बड़ा ही अलबेला है,

चाहे कितना बड़ा हो काम,

वो करता अकेला है,

मेरा बजरँगी हनुमान,

बड़ा ही अलबेला है ॥

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मंगलवार की आरती

हिंदू धर्म में हनुमान जी की पूजा का विशेष महत्व है। ऐसा माना जाता है कि प्रभु की पूजा-अर्चना करने से भक्तों को बल, बुद्धि और विद्या की प्राप्ति होती है।

बुधवार की आरती

हिंदू धर्म में बुधवार का दिन भगवान गणेश की पूजा-अर्चना के लिए सबसे शुभ माना जाता है। भक्तों को इस दिन गणपति की विधिपूर्वक पूजा-अर्चना जरूर करना चाहिए।

गुरुवार की आरती

सनातन धर्म में गुरुवार का दिन भगवान विष्णु और बृहस्पति देव को समर्पित है। इस दिन भगवान विष्णु और केले के वृक्ष की पूजा-उपासना की जाती है। इसके साथ ही व्रत रखा जाता है।

शुक्रवार की आरती

हिंदू धर्म में पूजा-पाठ का विशेष महत्व है। हिंदू धर्म शास्त्रों के अनुसार, किसी भी पूजा का समापन आरती और मंत्र जाप के साथ ही करना चाहिए। क्योंकि इसके बिना पूजा अधूरा माना जाता है।

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