मेरा श्याम बड़ा अलबेला (Mera Shyam Bada Albela)

मेरा श्याम बड़ा अलबेला,

मेरी मटकी में मार गया ढेला,

मेरा श्याम बड़ा अलबेला,

मेरी मटकी में मार गया ढेला,


कभी गंगा के तीर,

कभी यमुना के तीर,

कभी गंगा के तीर,

कभी यमुना के तीर,

कभी सरयू में नहाये अकेला,

कभी सरयू में नहाये अकेला,

मेरी मटकी में मार गया ढेला,

मेरा श्याम बडा अलबेला,

मेरी मटकी में मार गया ढेला ॥


कभी गोपियों के संग,

कभी ग्वालों के संग,

कभी गोपियों के संग,

कभी ग्वालों के संग,

कभी गउवे चराये अकेला,

कभी गउवे चराये अकेला,

मेरी मटकी में मार गया ढेला,

मेरा श्याम बडा अलबेला,

मेरी मटकी में मार गया ढेला ॥


कभी भामा के संग,

कभी रुक्मणि के संग,

कभी भामा के संग,

कभी रुक्मणि के संग,

कभी राधा के संग अकेला,

कभी राधा के संग अकेला,

मेरी मटकी में मार गया ढेला,

मेरा श्याम बडा अलबेला,

मेरी मटकी में मार गया ढेला ॥


कभी सूरज के संग,

कभी चंदा के संग,

कभी सूरज के संग,

कभी चंदा के संग,

कभी तारो से खेले अकेला,

कभी तारो से खेले अकेला,

मेरी मटकी में मार गया ढेला,

मेरा श्याम बडा अलबेला,

मेरी मटकी में मार गया ढेला ॥


कभी संतों के संग,

कभी भक्तों के संग,

कभी संतों के संग,

कभी भक्तों के संग,

कभी मस्ती में बैठा अकेला,

कभी मस्ती में बैठा अकेला,

मेरी मटकी में मार गया ढेला,

मेरा श्याम बडा अलबेला,

मेरी मटकी में मार गया ढेला ॥


मेरा श्याम बड़ा अलबेला,

मेरी मटकी में मार गया ढेला,

मेरा श्याम बड़ा अलबेला,

मेरी मटकी में मार गया ढेला,


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लाली लाली लाल चुनरियाँ (Laali Laali Laal Chunariya)

लाली लाली लाल चुनरियाँ,
कैसे ना माँ को भाए ॥

भगवान कार्तिकेय की पूजा किस विधि से करें?

हिंदू धर्म में भगवान कार्तिकेय शिव-शक्ति के ज्येष्ठ पुत्र हैं। उन्हें युद्ध और बुद्धि का देवता कहा जाता है। इतना ही नहीं, भगवान कार्तिकेय को शक्ति और पराक्रम का स्वामी के रूप में भी जाना जाता है।

दिल में श्री राम बसे हैं, संग माता जानकी(Dil Mein Shree Ram Base Hai Sang Mata Janki)

दिल में श्री राम बसे हैं,
संग माता जानकी,

मैं तो आरती उतारूँ रे संतोषी माता की - माँ संतोषी भजन (Main Toh Aarti Utaru Re Santoshi Mata Ki)

मैं तो आरती उतारूँ रे संतोषी माता की ।
मैं तो आरती उतारूँ रे संतोषी माता की ।

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